दिल्ली से सटे गाजियाबाद में प्रॉपर्टी खरीदने का सपना रखने वालों के लिए एक अच्छी खबर है। जीडीए अपनी आवासीय योजनाओं के 2031 तक सेक्टर रेट नहीं बढ़ाएगा। हालांकि इस योजना से 3 आवासीय इलाकों वैशाली, कौशांबी और इंदिरापुरम को अलग रखा गया है। जीडीए अपनी योजनाओं के सेक्टर रेट नहीं बढ़ाने पर प्लानिंग कर रहा है। आगामी जीडीए की बोर्ड बैठक में इस पर एक अहम प्रस्ताव लाया जाना है जिसकी तैयारी जोरों पर है।
हालांकि जीडीए ने पिछले 7 सालों में इन इलाकों में सेक्टर रेट नहीं बढ़ाए हैं। जीडीए के सचिव संतोष कुमार राय की मानें तो उनकी अभी भी कई ऐसी प्रॉपर्टी है जो कि नीलामी में कई बार लगाई गई हैं, लेकिन सेक्टर रेट अधिक होने के चलते या फिर यूं कहें की प्रॉपर्टी में स्लोडाउन और कम मांग होने के चलते प्रॉपर्टी बार-बार नीलामी में भी बिक नहीं पा रही हैं। ऐसे में अगर सेक्टर रेट बढ़ाए जायेंगे तो ये प्रॉपर्टी और महंगी होंगी जिससे उनके बिकने के आसार न के बराबर हो जाएंगे। इन सभी बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा के लिए सेक्टर रेट को फ्रीज रखने के लिए लगातार अधिकारियों के स्तर पर मंथन चल रहा है। जिसके बाद आगामी जीडीए के बोर्ड बैठक में प्रस्ताव लाकर इन पर अनुमोदन लिया जाएगा।
वैशाली, कौशांबी और इंदिरापुरम योजना इस फैसले से रहेंगे बाहर
देश की राजधानी दिल्ली से सटे हुए इलाके कौशांबी, वैशाली और इंदिरापुरम को जीडीए ने सेक्टर रेट को ना बढ़ाने वाले फैसले से बहर रखा है। इसके पीछे प्रॉपर्टी के एक्सपर्ट बतातें है कि प्रॉपर्टी के कारोबार में मंदी के बावजूद इन इलाकों में आने वाली गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की योजनाओं की मांग बहुत है। लोग इसे ऊंचे रेट में भी खरीदने से पीछे नहीं हटते। इस इलाके में सबसे अधिक सेक्टर रेट होने के बाद भी प्रॉपर्टी की मांग चरम पर है, जिसके चलते जीडीए को जमीन की कीमत अपने मन मुताबिक आधार पर मिल जाती है। कौशांबी और वैशाली में विकास प्राधिकरण का सेक्टर रेट प्राधिकरण की सभी योजनाओं में सबसे अधिक है इसके बावजूद भी बाजार में प्रॉपर्टी के अच्छे रेट मिलने के चलते जीडीए ने यह फैसला किया है।
सेक्टर रेट न बढ़ाने की यह है असल वजह
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के इंद्रप्रस्थ, कोयल एनक्लेव, गोविंदपुरम, स्वर्णजयंतीपुरम और मधुबन-बापूधाम योजना में ऐसे आवासीय और व्यावसायिक प्लॉट हैं जिसका अभी तक बार-बार नीलामी लगाने के बावजूद भी बिकवाली नहीं हो पा रही है। इसलिए इन सभी योजनाओ में 600 से अधिक प्रॉपर्टी पर जीडीए को नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसीलिए योजनाओं में सेक्टर रेट ना बढ़ाने का फैसला किया है। अगर सेक्टर रेट बढ़ते हैं तो उस पर विकास शुल्क लगाकर उसके दाम और अधिक बाद जाएंगे जिससे उनकी बिकवाली में और अधिक परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
साभार : NBT
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