5G in India: एडवांस लेवल टेलीकॉम ट्रेनिंग सेंटर (एएलटीटीसी) में ऐसी 5जी तकनीक खोजने पर शोध चल रहा है, जिसके रेडिएशन से शरीर को कोई नुकसान का खतरा न हो। साथ ही 4जी तकनीक में जो कमियां रह गईं हैं उनमें भी सुधार करने के प्रयास किए जा रहे हैं। देश के एकमात्र एडवांस लेवल टेलीकॉम ट्रेनिंग सेंटर के वैज्ञानिक बीते चार साल से एशिया के विभिन्न टेलीकॉम सेंटर पर 5जी नेटवर्किंग में सुधार के लिए वह प्रशिक्षण दे रहे हैं।
सेंटर के मुख्य महाप्रबंधक एमके सेठ के मुताबिक, 5जी की लांचिंग संचार क्षेत्र में एक बड़ी क्रांति के रूप में आएगी। इसकी गीगाबिट में स्पीड होगी। वर्तमान जो नेट की स्पीड है उसके मुकाबले कई गुना ज्यादा स्पीड होगी। वहीं इससे होने वाले नुकसान का पूर्वानुमान लगाते हुए उनमें सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 5जी नेटवर्किंग से टावर इतनी ज्यादा संख्या में हो जाएंगे कि इससे बड़े स्तर पर रेडिएशन के खतरे का पूर्वानुमान लगाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि लगातार इस दिशा में शोध किया जा रहा है कि इससे रेडिएशन के खतरे को कैसे दूर किया जा सके। डिवाइस पास में रखने पर भी रेडिएशन का उतना प्रभाव न हो। साथ ही पुरानी डिवाइस में भी 5जी नेटवर्किंग का उपयोग किया जा सके। जिससे आम जनता सस्ते में 5जी नेटवर्किंग की सुविधा का फायदा उठा सके। इस पर शोध जारी है।
फुल प्रुफ होने पर ही लॉन्च होगी 5जी तकनीक
एमके सेठ ने बताया कि 4जी लॉन्च करते वक्त कुछ कमियां रह गई थीं। 5जी लॉन्च करने से पहले फुल प्रूफ तैयारी की जा रही है। अभी इस पर कार्य चल रहा है कि उपभोक्ताओं को जो आधुनिक सेवाएं दी जाएं उसमें अधिक भुगतान न करना पड़े। सबसे पहले 5जी लांच करने से पहले लक्ष्य है कि इंसान को किसी तरह का कोई नुकशान न हो। इसके लिए बड़े स्तर पर रिसर्च चल रहा है। 3जी जल्दबाजी में लांच हुए जिसका उतना फायदा नहीं मिल पाया था। यहां विकसित होनेवाली 5 जी तकनीक का किस तरह वाणिज्यिक या अन्य तरह से इस्तेमाल किया जाएगा , इसका फैसला सरकार करेगी।
डिजास्टर मैनेजमेंट में 5जी तकनीक से मिलेगी बड़ी मदद
5जी तकनीक से डिजास्टर मैनेजमेंट को बड़ी मदद मिलने वाली है। आइओटी सेंटर में डिजास्टर मैनेजमेंट पर शोध किया जा रहा है। कहीं भी कोई आपदा हो कहीं कोई डिजास्टर है कोई फंसा है तो सेंस के माध्यम से पता लगाया जा सके। डिजास्टर मैनेजमेंट तकनीक पर 28-31 जुलाई को बड़े स्तर पर आनलाइन सेमिनार का आयोजन होने जा रहा है। इसमें एशिया के विभिन्न देशों वैज्ञानिक और इंजीनियर भाग लेने वाले हैं। 5जी तकनीक से ऑटोमोबाइल सेक्टर में भी तेजी से बदलाव होंगे। इससे रेलवे से लेकर मिसाइल तक में बड़े स्तर पर विकास होगा।
साभार : jagran.com
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