यह ‘मैगटैप’ लाजवाब
बिहार के तीन युवाओं द्वारा बनाया गया दुनिया का पहला विजुअल डिक्शनरी, वेब ब्राउजर एंड डॉक्यूमेंट रीडर ‘मैगटैप’ भारत में ट्रेंड कर रहा है। चायनीज ऐप की बढ़ती लोकप्रियता को देख तैयार किए गए मेड इन इंडिया ‘मैगटैप’ को अबतक 15 लाख से अधिक लोग डाउनलोड कर चुके हैं। करीब 10 ऐप्स की जरूरत को पूरी करने वाले इस 33 एमबी के ‘मैगटैप’ को रोजाना एक लाख से अधिक लोग इस्तेमाल कर रहे हैं।
चायनीज एप के बैन होने पर बढ़ी उपयोगिता
स्टार्टअप इंडिया से सर्टिफायड व गूगल से प्रमाणित ‘मैगटैप’ के साथ 50 लोगों की टीम काम कर रही है। ऐप को बनाने में मुख्य भूमिका पटना में पढ़े व समस्तीपुर के रोहन और उनके छोटे भाई अभिषेक सिंह के साथ गया के सतपाल चंद्रा की है। एप 42 भाषा में उपलब्ध है। जिनमें 12 भारतीय 30 विदेशी हैं। रोहन ने बताया कि 59 चायनीज एप के बैन होने के बाद ‘मैगटैप’ को चार लाख से अधिक लोग डाउनलोड कर चुके हैं। एक यूजर कम से कम 12 मिनट समय एप पर दे रहा है। करीब 34 हजार लोगों ने मैगटैप को 5 में से 4.6 की रेटिंग दी है।
दिल्ली, मुंबई और पटना के सबसे ज्यादा यूजर
कई भाषाओं में उपलब्ध होने के कारण ‘मैगटैप’ का इस्तेमाल भारत के साथ नेपाल, यूएई, साउडी अरेबिया और कुवैत में भी किया जा रहा है। भारत की बात करें तो दिल्ली में सबसे ज्यादा इस एप का प्रयोग किया जा रहा है। इसके बाद मुंबई, पटना, लखनऊ और कोलकाता के लोग मैगटैप को पसंद कर रहे हैं।
शब्द के मतलब के साथ देखें फोटो
एक क्लिक पर शब्द के मतलब के साथ उसका फोटो दिखना एप को खास बनाता है। एप को 18 से 35 साल के लोग अधिक इस्तेमाल कर रहे हैं। रोहन ने बताया कि एप के माध्यम से देश-दुनिया की खबरों को पढ़ने में अधिक रुचि दिखाई जा रही। वहीं प्रतियोगी परीक्षाओं से जुड़ी 12 हजार किताब और आठ हजार वीडियो उपलब्ध होने से ‘मैगटैप’ छात्रों की पसंद बना है। फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, लिंकडिन और शेयरचैट के साथ ही इसपर इंटरटेनमेंट, करेंट अफेयर्स, फ्लाइट-ट्रेन टिकट और बैंकिंग जैसे कई सारे फीचर मिलते हैं। एक तरह से ‘मैगटैप’ करीब आठ से दस एप की जरूरत को खत्म करता है, जिससे फोन की मेमोरी भी बचती है।
साभार : दैनिक जागरण।
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