पिछले चार महीने से बंद पड़े जिले के निजी विद्यालयों की फीस माफी और आगामी सत्र में ऑनलाइन क्लास के आधार पर फीस निर्धारित करने की मांग को लेकर गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। अभिभावक लगातार लॉकडाउन के दौरान की फीस माफी की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक शासन प्रशासन की ओर से किसी तरह की राहत नहीं दी गई है।
एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा त्यागी ने कहा कि स्कूल पिछले चार माह से बंद पड़े हैं। बच्चे स्कूल नहीं गए हैं। स्कूल के संसाधनों का बच्चों ने उपयोग नहीं किया। कोरोना महामारी के कारण अभिभावक पहले ही आर्थिक तंगी झेल रहे हैं। स्कूल बंद होने के बाद भी स्कूलों की ओर से पूरी फीस की मांग की जा रही है। इस पर शासन प्रशासन की ओर से भी किसी तरह का कोई भी निर्णय नहीं लिया जा रहा है।
ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से न तो बच्चों की उतनी अच्छे से पढ़ाई हो पा रही है और न ही विद्यालयों की ओर से उतना खर्च हो रहा है। ऑनलाइन कक्षाओं से अभिभावकों का ही खर्चा बढ़ा है। बच्चों के लिए मोबाइल, टेबलेट और लैपटॉप के साथ नेट की सुविधा पर खर्चा करना पड़ रहा है। लेकिन फीस में किसी तरह की कोई कमीं नहीं आई है।
जिन विद्यालयों पर के पास करोड़ों का रिजर्व फंड हैं उनकी तरफ से तो शासन प्रशासन को लॉकडाउन के दौरान की फीस माफ कराकर राहत दिलानी चाहिए। स्कूल की स्टाफ का वेतन रिजर्व फंड में से दिलाया जाना चाहिए। वहीं एसोसिएशन पदाधिकारी विवेक त्यागी ने बताया कि जीपीए की ओर से चार माह से बंद पड़े स्कूलों की फीस माफी और आगामी सत्र में ऑनलाइन कक्षाओं के आधार पर निजी विद्यालयों की निर्धारित करने की मांग की है। इस संबंध में जिला शुल्क नियामक समिति के अध्यक्ष जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा है।
साभार : jagran.com
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