राजनगर एक्सटेंशन को नगर निगम के हवाले करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके लिए जीडीए ने नगर आयुक्त को पत्र भेजा है। जीडीए की मानें तो यह कॉलोनी गांव नूरनगर की भूमि पर बसी है। जो पहले से नगर निगम क्षेत्र का हिस्सा थी।
जब बिल्डरों ने यहां हाउसिंग प्रोजेक्ट बनाए तो उनसे मिले विकास शुल्क से यहां प्राधिकरण ने सड़क, नाले, सीवर और एसटीपी का निर्माण कराया। अधिकारियों का मानना है कि इससे निगम को दिक्कत नहीं होगी।
निवासियों को मिलेंगी सुविधाएं
इस प्रयास में जीडीए को सफलता मिलती है तो राजनगर एक्सटेंशन की ग्रुप हाउसिंग सोसायटियों के निवासियों को सुविधाएं मिलने लगेंगी। अभी यहां पानी की पाइपलाइन नहीं बिछी है। उसकी सुविधा नगर निगम से मिल सकती है। सोसायटियों से डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन शुरू हो जाएगा। सड़क, नाले और सीवर की व्यवस्था नियमित रहेगी। अभी यहां सोसायटियों का कूड़ा निस्तारण आरडब्ल्यूए और बिल्डर को कराना होता है। बाहरी क्षेत्र की सफाई जीडीए शॉर्ट टर्म टेंडर के जरिए कराता है।
यहां 45 से ज्यादा सोसायटी
हिंडन के करीब बसे राजनगर एक्सटेंशन में 45 से ज्यादा ग्रुप हाउसिंग सोसायटी हैं। जिनमें 35 हजार फ्लैट हैं। करीब 21 हजार फ्लैट में परिवार रहने लगे हैं। बाकी फ्लैट खाली हैं। अधिकतम खली फ्लैट बिके नहीं हैं। जीडीए के अधिशासी अभियंता प्रवर्तन जोन-एक के अरविंद कुमार चौधरी ने बताया कि राजनगर एक्सटेंशन को नगर निगम को हैंडओवर करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए नगर आयुक्त को पत्र भेजा गया है।
साभार : jagran.com
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