सार
देश में कोरोना वायरस की स्थिति को लेकर गुरुवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, गृह मंत्रालय और आईसीएमआर ने संयुक्त प्रेस वार्ता की। इस दौरान देश में कोरोना की स्थिति पर प्रकाश डाला गया और कोरोना जांच संबंधी जानकारियां दी गईं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में विकसित हो रहीं कोरोना वायरस की वैक्सीन पर भी बात की। जानिए प्रेस वार्ता में क्या-क्या जानकारी दी गई…
विस्तार
प्रेस वार्ता में संवास्थ्य मंत्रालय के विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) राजेश भूषण ने कहा कि हमारा देश दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाला दूसरा देश है। करीब 130 करोड़ की जनसंख्या होने के बावजूद भारत कोरोना वायरस को प्रबंधित करने में सक्षम रहा है। अगर आप प्रति दस लाख की आबादी पर कोरोना के मामलों को देखें तो अब भी यह दुनिया में सबसे कम है।
भारत में विकसित हो रहीं दो वैक्सीन, जल्द शुरू होंगे ट्रायल
भूषण ने कहा कि भारत बायोटेक और कैडिला हेल्थकेयर वैक्सीन विकसित कर रही हैं। दोनों वैक्सीनों ने अनुमति मिलने के बाद पशु विषाक्तता अध्ययन पूरा कर लिया है। डीसीजीआई ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया) ने इन दोनों वैक्सीनों को पहले और दूसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल करने की मंजूरी दे दी है। अभी इन वैक्सीन के ट्रायल शुरू नहीं हुए हैं। हमें इनके जल्द शुरू होने की उम्मीद है।
देश में सामुदायिक संक्रमण की स्थिति को लेकर राजेश भूषण ने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने भी स्थानीय प्रकोप और सामुदायिक प्रसारण की कोई मानक परिभाषा नहीं दी है। उन्होंने स्थानीय स्थितियों का आकलन करने के बाद अपने सदस्य राज्यों को रिपोर्ट करने का अधिकार दिया है। डब्ल्यूएचओ के इस बयान पर कि वायरस हवा से संक्रमण फैला सकता है, भूषण ने कहा कि यह एक गतिशील और विकसित स्थिति है। हम इस पहलू पर डब्ल्यूएचओ से आने वाली सूचनाओं को देख रहे हैं।
प्रति 10 लाख की आबादी पर देश में कोरोना के 538 मामले
भूषण ने कहा, आज हमारे यहां प्रति 10 लाख की आबादी पर कोरोना संक्रमण के 538 मामले हैं। यह आंकड़े विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अपनी रिपोर्ट में दिए हैं। कुछ देशों में तो प्रति 10 लाख की आबादी पर कोरोना के मामलों की संख्या भारत की तुलना में 16 से 17 गुना तक ज्यादा है। हमारे यहां कोरोना से प्रति 10 लाख की आबादी पर मौत का आंकड़ा 15 है जबकि कई देश ऐसे हैं जहां यह आंकड़ा भारत की तुलना में 10 गुना तक ज्यादा है।
उन्होंने कहा कि भारत में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या की बात की जाए तो यह संख्या दो लाख 69 हजार है। इससे हमें पता चलता है कि अंतत: हमने स्थिति को नियंत्रित करने में सफलता पाई है साथ ही हमारा स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे पर ज्यादा बोझ नहीं पड़ा है और यह दबाव के मारे चरमरा नहीं रहा है। मंत्रालय ने बताया कि वर्तमान में भारत में कोरोना से ठीक होने की दर यानी रिकवरी रेट 62 फीसदी से भी ज्यादा हो गया है।
बढ़ रही है जांचों की संख्या, रोज टेस्ट हो रहे 2.6 लाख सैंपल
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद आईसीएमआर की वरिष्ठ वैज्ञानिक निवेदिता गुप्ता ने कहा कि देश में कोरोना जांच की संख्या बढ़ाई गई है। औसतन देखें तो हम रोजाना 2.6 लाख नमूनों की जांच रोज कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एंटीजन टेस्टिंग के इस्तेमाल से हम इसमें और बढ़ोतरी होने की उम्मीद कर रहे हैं।
वहीं, गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पु्ण्य सलिल श्रीवास्तव ने बताया कि आठ जुलाई तक दिल्ली में छह लाख 79 हजार 831 कोविड-19 जांच की गई हैं। इसका मतलब प्रति 10 लाख लोगों पर 35,780 जांच हुई हैं। उन्होंने कहा कि रोजाना 20 हजार से ज्यादा नमूनों की जांच की जा रही हैं।
साभार : अमर उजाला।
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