कहीं आपका हेलमेट घर में कोरोना वायरस तो लेकर नहीं आ रहा है? यह सवाल सुनने में आपको थोड़ा अजीब जरूर लग सकता है, लेकिन मौजूदा समय में यह सवाल आपके और आपके परिवार की सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है। दरअसल भारत में इन दिनों तेजी से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। कोरोना वायरस महामारी से संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 6.5 लाख के करीब पहुंच गया है। ऐसे में आपकी एक छोटी सी लापरवाही बहुत भारी पड़ सकती है खास कर तब, जब देश अनलॉक के दौर में प्रवेश कर चुका है। हम आपको उन चार सावधानियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनकी अनदेखी से आप हेलमेट के जरिए कोविड-19 नाम का दुशमन अपने घर में ला सकते हैं।
एक व्यक्ति एक हेलमेट
सीधी सी बात है, जैसे एक व्यक्ति के लिए एक फेस मास्क है, वैसे ही एक व्यक्ति के लिए एक हेलमेट। इससे आपका हेलमेट किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बच सकता है। दरअसल जरूरत पड़ने पर लोग किसी दूसरे व्यक्ति (दोस्त, साथी कर्मचारी या परिवार का सदस्य) से कार के मुकाबले दो-पहिया वाहन के इस्तेमाल की मांग ज्यादा करते हैं। छोटा सा उदाहरण, अगर ऑफिस टाइम के दौरान आपके किसी जान पहचान के व्यक्ति को कोई काम याद आ जाए, तो वह किसी कार वाले दोस्त से मदद मांगने के बजाए आपसे कुछ समय के लिए बाइक या स्कूटर की मांग कर सकता है। वहीं, स्कूल या कॉलेज में पढ़ने वाले बच्चों में तो ये अक्सर होता है। लेकिन बाइक या स्कूटर के साथ आपको अपना हेलमेट भी देना पड़ता है। ऐसे में अब जब कोरोना तेजी से देश में बढ़ रहा है, तो किसी दूसरे व्यक्ति को अपना हेलमेट देना खतरे से खाली नहीं है, क्योंकि आपको नहीं पता कि सामने वाला व्यक्ति कोरोना से संक्रमित है या नहीं? या वह जिससे मिलने जा रहा है वो व्यक्ति संक्रमित है या नहीं? इसके अलावा आपको यह भी नहीं पता कि सामने वाला व्यक्ति आपके हेलमेट को जिन जगहों पर रखेगा वो जगह सही है या नहीं। इसलिए कोरोना काल में अपना हेलमेट किसी भी दूसरे व्यक्ति को न दें।
हेलमेट को सैनिटाइज करें
एक नियम बना लें कि हेलमेट को जब भी पहने पहले सैनिटाइज करें। वहीं, हेलमेट को जब भी उतारे तब भी सैनिटाइज करें। इससे यह होगा कि अगर आपका हेलमेट किसी भी तरह से वायरस के संपर्क में आता है, तो सैनिटाइज करते ही वायरस खत्म हो जाएगा। इससे हेलमेट के जरिए घर में कोरोना आने की संभावना हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी। हेलमेट को सैनिटाइज करने के लिए इसके वाइजर (शीशे), बॉडी और चिन स्ट्रैप को एक कपड़े में सैनिटाइजर लगाकर पोंछ दें। एक आसान तरीका यह भी है कि बाजार में सैनिटाइजर स्प्रे मिलता है, जिसकी मदद से आप आसानी से स्प्रे कर सकते हैं।
हेलमेट को कहां रखें?
आपका हेलमेट वायरस के संपर्क में न आए इसके लिए जरूरी है कि आप यह हमेशा ध्यान रखें कि हेलमेट को कहां रखना है। कई लोग अपने हेलमेट को गाड़ी के हैंडल या फिर सीट के बगल में लॉक कर देते हैं, लेकिन कोरोना काल में यह सबसे बड़ी गलती साबित हो सकती है। अगर आप भी ऐसा करते थे तो अब मत कीजिए। हेलमेट को किसी ऐसे रैक या आलमारी पर भी मत रखिए जहां कई लोग अपना सामान रख रहे हों। इसे अपने ऑफिस के टेबल के नीचे या फिर ऐसी जगह रखिए जहां यह कम लोगों के संपर्क में आए। हेलमेट को इस्तेमाल करने से पहले सैनिटाइज करें, चाहे फिर आप अपने घर से ही क्यों न निकल रहे हों। वहीं बाहर से आने पर हेलमेट को सैनिटाइज करने के बाद भी इसे बच्चों या बूढ़ों से दूर रखें। अच्छा होगा कि इसे घर के बरामदे में रखें। घर से ऑफिस तक के बीच में जितनी बार भी हेलमेट उतारें, उसे पहनने से पहले सैनिटाइज करें, क्योंकि आपको नहीं पता कि किस जगह आपका हेलमेट संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आ जाए।
एयर इनलेट को साफ रखें
मौजूदा समय में ज्यादा तर हेलमेट्स में एयर इनलेट दिए जा रहे हैं। लोग हेलमेट तो साफ करते हैं, लेकिन एयर इनलेट को साफ करना भूल जाते हैं। इसलिए इसे भी साफ रखें।
हेलमेट का वाइजर बंद और तंबाकू से दूरी
कोरोना काल में दो बातों का ध्यान जरूर रखिए। पहला, हेलमेट को जब भी पहने उसका वाइजर (शीशा) जरूर लगाएं। दूसरा, गुटखा खाने की आदत या तो छोड़ दें या फिर कम से कम हेलमेट पहन कर गुटखा न खाएं। इससे आपका हेलमेट गंदगी और संक्रमण दोनों से सुरक्षित रहेगा।
साभार : अमर उजाला।
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