कोरोना के मरीजों को होम आइसोलेशन में रखने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने गुरुवार को नई गाइलडाइन जारी की है। इस गाइडाइन के अनुसार वे मरीज जिनमें शुरुआती लक्षण हैं या फिर लक्षण नहीं हैं, उन्हें घर पर ही होम आइसोलेशन में रहना होगा। साथ ही उनके संपर्क में आने वाले लोगों को भी होम क्वारंटाइन में रहना होगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक घर में कोरोना संक्रमित व्यक्ति की पूरी देखभाल करनी होगी। इसके साथ ही संक्रमित व्यक्ति के परिजनों को लगातार अस्पताल के संपर्क में रहना होगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की नई गाइडलाइन…
उन कोरोना से संक्रमित व्यक्तियों को होम आइसोलेशन में नहीं भेजा जाएगा, जिनका एचआईवी, अंग प्रत्यारोपण और कैंसर जैसी बीमारियों का इलाज चल रहा हो।
60 साल से अधिक के उम्र के लोगों के लोग जो गंभीर बीमारियों से परेशान हैं उन्हें डॅाक्टर द्वारा पूरी जांच किए जाने के बाद ही होम आइसोलेशन में रखा जाएगा। साथ ही उस व्यक्ति के परिजन को हर वक्त उनका ख्याल रखना होगा और लगातार अस्पताल के संपर्क में रहना होगा।
मंत्रालय का कहना है कि संक्रमित व्यक्तियों के परिजन और उनसे संपर्क में आने वाले लोग डॅाक्टर से सलाह लेने के बाद हाईड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन प्रोफेलेक्सिस की डोज ले सकते हैं।
आरोग्य सेतु एप को डाउनलोड करना होगा और हर वक्त इसे चालू रखना होगा।
मरीज को प्रतिदिन अपने स्वास्थ्य की जांच करने के बाद अधिकारियों को जानकारी देनी होगी।
किसी भी मरीज को होम आइसोलेशन में भेजने के लिए इलाज कर रहे डॅाक्टर की अनुमति होना जरूरी है। इसके साथ ही मरीज को अंडरटेकिंग देनी होगी और क्वारंटाइन के नियमों का पालन करना होगा।
मरीज को हर समय ट्रिपल लेयर मास्क पहनना होगा और इस मास्क को हर 8 घंटे में बदलना होगा। साथ ही अगर ये मास्क गीला हो जाता है तो इसे तुरंत बदलना होगा।
एक बार पहने हुए मास्क को दोबारा प्रयोग में नहीं लाया जाएगा। उस मास्क को फैंकने से पहले 1% सोडियम हाईपोक्लाइड से डिसइन्फेक्ट अमर उजाला करना जरूरी होगा।
मरीज को एक कमरे में ही रहना होगा। उसे पूरे घर में घूमने की मनाही होगी। साथ ही मरीज को घर के बाकी सदस्यों से उचित दूरी बनानी होगी। मरीज को इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि वो बुर्जर्गों और बीमार व्यक्तियों के पास न जाए।
मरीज को अधिक से अधिक आराम करना होगा और शरीर में पानी की कमी न हो इसके लिए काफी मात्रा में फ्लुइड पीना होगा।
मरीज को खांसते और छींकते वक्त विशेष ध्यान रखना होगा। हर वक्त जरूरी गाइलाइनस का पालन करना होगा।
घर में टेबल, कुर्सी, दरवाजों के हैंडल आदि, जिन चीजों का हम लगातार उपयोग करते हैं उन्हें डिसइन्फेक्ट करते रहें।
मरीज को डॅाक्टर की बताई हर बात का ध्यान रखना होगा।
मरीज को डॅाक्टर के बताए अनुसार प्रतिदिन अपने स्वास्थ्य की जांच करनी होगी। रोज टेंपरेचर नापना होगा और अगर कोई भी दिक्कत महसूस हो या कोई लक्षण नजर आए तो तुरंत डॅाक्टर से संपर्क करना होगा।
मरीज के परिजनों को हर समय ट्रिपल लेयर मास्क पहनना होगा। इस बात का भी विशेष ध्यान रखना होगा कि मास्क के अगले हिस्से को भी नहीं छूना है। इसके साथ ही मास्क के गंदा या गीला होते ही इसे तुरंत बदलना होगा। एक मास्क का दोबारा इस्तेमाल नहीं करना होगा और पहने हुए मास्क को फेंक दें। मास्क को फेंकने के बाद अच्छी तरह से अपने हाथों को धो लें।
मरीज के परिजनों को अपने मुंह, नाक और चेहरे को छूने से भी बचना होगा।
मरीज के संपर्क में आने वाले हर व्यक्ति को साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना होगा। विशेषकर समय-समय पर हाथों को साफ करना होगा।
खाना खाने से पहले और बाद में हाथों को साफ करें।
टॅायलेट का उपयोग करने के बाद हाथों को अच्छी तरह से साफ कर लें।
हाथों के गंदा होते ही उन्हें तुरंत साफ कर लें।
हाथों को धोने के बाद अच्छी तरह से पोछ भी लें। आप हाथों को पोछने के लिए पेपर टॉवेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर पेपर टॅावेल उपलब्ध नहीं है तो तौलिए से हाथों को पोछ लिजिए। जैसे ही तौलिया गिला हो जाए, तो इसे तुरंत बदल लें।
अगर आप ग्लव्स का इस्तेमाल कर रहे हैं तो इन्हें पहनने से पहले और उतारने के बाद हाथों को धो लें।
मरीज के परिजनों को इन नियमों का करना होगा पालन…
मरीज के बॅाडी फ्लुइड्स के सीधे संपर्क में आने से बचने का प्रयास करें।
मरीज की किसी भी तरह की मदद करने से पहले ग्लव्स पहनने होंगे।
मरीज के बर्तनों में खाना न खाएं। साथ ही अगर मरीज के द्वारा खाना छोड़ा गया है तो उस खाने का सेवन न करें। किसी भी चीज को मरीज के साथ शेयर न करें।
मरीज के द्वारा की गई चादर का इस्तेमाल न करें।
मरीज को खाना उसके बर्तनों में ही दें और जिस कमरे में मरीज रह रहा है उसी कमरे में खाना दें। मरीज द्वारा इस्तेमाल किए गए बर्तनों को साबुन या डिटर्जेंट से साफ करें और बर्तन साफ करते समय गलव्स पहनना न भूलें। अच्छी तरह से धोने के बाद बर्तनों का दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है।
मरीज के द्वारा इस्तेमाल की गई चीजों को धोते वक्त ट्रिपल लेयर मास्क और ग्लव्स पहनें।
गलव्स पहनने से पहले और उतारने के बाद हाथ धो लें।
किसी भी समान को डिस्पोज करते वक्त सीपीसीबी की गाइडलाइन का पालन करें।
इन स्थितियों में तुरंत देनी होगी डॅाक्टर को सूचना…
परिजनों का मरीज का पूरा ध्यान रखना होगा और संक्रमण के लक्षण नजर आने पर या कोई भी परेशानी होने पर सीधे डॅाक्टर को सूचना देनी होगी। जैसे…
सांस लेने में तकलीफ होने पर
ऑक्सीजन में कमी होने पर
सीने में लगातार दर्द या दबाव होने पर
दिमागी उलझन या उत्तेजना होने पर
आवाज लड़खड़ाने पर या बंद होने पर
चेहरे या किसी भी अंग में दर्द होने पर
चेहरे या होठों पर नीलापन आने पर
इन परेशानियों में से कोई भी पेरशानी होने पर सीधे डॅाक्टर से संपर्क करें।
अधिकारियों की भूमिका…
होम आईसोलेशन के मामलों को लगातार मॉनीटर करना होगा।
फील्ड स्टाप और निगरानी टीम इन मामलों को मॉनीटर करने का काम करेगी।
प्रतिदिन मरीज का फॉलोअप लेना होगा।
फील्ड स्टाप का काम होगा मरीज के स्वास्थ्य जांच का पूरा रिकॅार्ड रखना।
फील्ड स्टाप ही मरीज को और उसके परिजनों को सलाह और जानकारियां भी देगा।
होम आईसोलेशन में रखे गए मरीज की जानकारी को कोविड-19 पोर्टल पर भी अपडेट किया जाएगा।
कोविड-19 पोर्टल की निगरानी वरिष्ठ अधिकारी रखेंगे।
फील्ड स्टाप को मरीज के परिजन और उसके संपर्क में आने वाले लोगों की भी जांच करनी होगी।
साभार : अमर उजाला।
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