उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए मेरठ मंडल के मेरठ, बुलंदशहर, गाजियाबाद, हापुड़, नोएडा व बापगत जिलों में घर-घर स्क्रीनिंग की जाए। प्रदेश में 20 हजार टेस्टिंग क्षमता को 30 जून तक 25 हजार करने के प्रयास किए जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि टेस्टिंग क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ चिकित्सालयों में बेड, मैनपावर और जरूरी उपकरणों की संख्या की वृद्धि के लिए भी निरन्तर काम किया जाए।
मुख्य सचिव ने यह निर्देश शुकवार को अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा के दौरान दिए। मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में यह मीटिंग मुख्य सचिव ने की।
जिलों में तैनात रखें रैपिड रिस्पांस टीम व एंबुलेस
उन्होंने कहा कि मेरठ मण्डल में जुलाई के प्रथम सप्ताह में एक विशेष कार्यक्रम के तहत डोर-टू-डोर मेडिकल स्क्रीनिंग की जानी है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा शत-प्रतिशत घरों की स्क्रीनिंग का कार्य निर्धारित समय में पूर्ण कराने के लिए रणनीति समय से तैयार कर ली जाए। इस दौरान जनपदों में रैपिड रेस्पांस टीम एवं एम्बुलेंस को तैयार रखा जाए, जिससे सूचना प्राप्त होते ही उचित कार्यवाही की जा सके। मेडिकल स्क्रीनिंग के समय पल्स पोलियो अभियान की भांति घरों की मार्किंग भी की जाए।
अधिकतम सैंपल लें ताकि जल्द कर सकें मरीज को आइसोलेट
उन्होंने कहा कि मेडिकल स्क्रीनिंग के दौरान किसी व्यक्ति में कोविड-19 के लक्षण पाये जाने पर उसका पल्स आक्सीमीटर तथा रैपिड एन्टीजन टेस्ट कराया जाए। संक्रमित होने की दशा में ऐसे व्यक्ति को तत्काल कोविड अस्पताल में भर्ती कराया जाए। राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि कंटेनमेंट जोन में सख्ती बरतते हुये आवागमन को रोका जाए और केवल जरूरी सेवाओं एवं चिकित्सीय सुविधा के लिए ही टीमों को आने-जाने दिया जाए। अधिकतम संख्या में सैम्पल टेस्टिंग की जाए, ताकि संक्रमित व्यक्तियों की शीघ्रतापूर्वक पहचान कर आइसोलेट किया जा सके।
मुख्य सचिव ने कहा कि कान्टैक्ट ट्रेसिंग के लिये ‘आरोग्य सेतु’ एप एक सशक्त माध्यम है। इस एप के माध्यम अलर्ट जेनरेट होने पर इसका डाटा जिला प्रशासन तथा सीएमहेल्पलाइन से डाटा शेयर कर सम्बन्धित से फोन काल के माध्यम से स्वास्थ्य संबंधी जानकारियां प्राप्त की जाएं। उन्होंने कहा कि मेडिकल कालेजों और अन्य प्रमुख चिकित्सा संस्थानों में लक्षणरहित रोगियों का भार कम करने के लिए कोविड एल-1 हास्पिटल की संख्या बढ़ाई जाए ताकि गंभीर प्रकृति के रोगियों के लिए इन संस्थानों में बेड की उपलब्धता करायी जा सके।
यह भी कहा कि इस वैश्विक महामारी के समय में सभी विभागों के तहत अच्छा कार्य करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रोत्साहित भी किया जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि गरीब कल्याण रोजगार अभियान के अन्तर्गत चिन्हित 31 जिलो के साथ-साथ बाकी जिलो में भी रोजगार के अवसर सृजित के प्रयास किए जाए।
साभार: livehindustan
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