गाज़ियाबाद। लॉकडाउन के चलते देश के ट्रांसपोर्टर कई महीनों से विषम परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। गाजियाबाद महानगर गुड्स ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय पाठक ने जानकारी दी कि 22 मार्च से गाजियाबाद में ट्रांसपोर्ट व्यवसाय ठप्प होना शुरू हो गया था। लॉकडाउन के दौरान न के बराबर काम होने के बावजूद गोदाम का किराया, स्टाफ का वेतन तथा लेबर को पैसे देने के साथ ही गाड़ियों की किश्तें भी दी गईं। यदि कोई ट्रांसपोर्टर किश्त भरने की स्थिति में नहीं था, तो उसे ब्याज पर ब्याज दंड भी भुगतना पड़ा।
टोल टैक्स और डीजल के रेट में बेतहाशा वृद्धि
इस दौरान सरकार ने ट्रांसपोर्टर्स की सुध लेने के बजाय टोल टैक्स की दरों में भी वृद्धि कर दी। वहीँ, रोड टैक्स न जमा कर पाने वालों पर छूट देने के बजाय उन पर पेनल्टी लगाई जा रही है। साथ ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में भारी गिरावट बावजूद देश में डीजल के रेट करीब तीन सप्ताह से रोजाना बढ़ाए जा रहे हैं। इस पर ट्रांसपोर्टर्स के विरोध को नज़रअंदाज किया जा रहा है। जिसके चलते ट्रांसपोर्टरों पर आर्थिक बोझ और नुकसान बढ़ता जा रहा है।
माल भाड़ा में 20% की वृद्धि करने की अपील
एसोसिएशन अध्यक्ष अजय पाठक ने कहा कि इन परिस्थितियों में माल भाड़ा बढ़ाने के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा है। इस बावत उन्होंने एसोसिएशन सदस्यों से 1 जुलाई से माल भाड़ा में 20% की वृद्धि के साथ बुकिंग करने की अपील की है।
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