गाड़ियों से निकलने वाले प्रदूषण को लेकर एनजीटी के एक रिपोर्ट पर परिवहन विभाग हरकत में आ गया है। रिपोर्ट में देश भर के 102 शहर ऐसे पाए गए है, जहां वाहनों से सबसे प्रदूषण फैल रहे है। इनमें यूपी के लखनऊ समेत 15 शहर शामिल हैं। इस संबंध में एनजीटी ने परिवहन विभाग को चेतावनी दी है।
वाहनों से प्रदूषण की मात्रा ज्यादा निकलने की सबसे बड़ी वजह ओवरलोड ट्रकें हैं। परिवहन आयुक्त धीरज साहू बताते है कि ओवरलोड वाहनों पर चालान की कार्रवाई की जा रही है। जहां वाहनों की तौल होती है, वहां की सूची मंगाई जा रही है। एनजीटी और प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के निर्देशों पर ओवरलोड वाहनों की तौल कराकर ट्रकों से निकलने वाले प्रदूषण को रोका जाएगा।
इन शहरों से आ रही प्रदूषण बढ़ने की शिकायत
एनजीटी के पत्र में 15 शहरों में वाहनों से प्रदूषण का सबसे ज्यादा खतरे की चेतावनी दी है। इनमें लखनऊ, कानपुर, आगरा, वाराणसी, बरेली, बुलंदशहर, नोएडा, प्रयागराज, गाजियाबाद, झांसी, रायबरेली, जेपीनगर अमरोहा, मुरादाबाद, फिरोजाबाद व सोनभद्र जिला शामिल हैं।
लखनऊ में 7.25 लाख वाहनों की जांच हुई
बीते एक अप्रैल से 31 मार्च 2020 तक लखनऊ में 7.25 लाख वाहनों के प्रदूषण जांच हुई। यूपी के चिन्हित 15 शहरों में 1132 प्रदूषण जांच केंद्रों से 33 लाख 94 हजार 948 वाहनों की जांच करने की रिपोर्ट एनजीटी को भेजी गई है।
प्रदूषण की जांच में 2500 का चालान कटेगा
आरटीओ संजीव गुप्ता बताते है कि सड़क सुरक्षा सप्ताह के तहत 25 जून को प्रदूषण के खिलाफ लोगों को जागरूक करते हुए चेकिंग अभियान चलाया जाएगा। जहां एक फरवरी 2020 के पहले प्रदूषण जांच की वैधता खत्म होने पर ढाई हजार रुपये का चालान काटा जाएगा।
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