गाज़ियाबाद। रेस्टोरेेंट, शाॅपिंग माॅल और होटल के संचालन के लिए केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा अनलाॅक 1.0 के तहत गाइडलाइन जारी की जा चुकी है। जिसके अनुपालन के लिए गाजियाबाद के जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई। जिसमें अपर जिलाधिकारी शैलेन्द्र कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक मनीष मिश्र तथा जिला अभिहित अधिकारी विनीत कुमार समेत भारी संख्या में रेस्टोरेेंट, शाॅपिंग माॅल और होटल संचालकों ने हिस्सा लिया।
जिलाधिकारी ने कहा कि फेस कवर या मास्क पहने हुए बिना लक्षण वाले कर्मचारियों व ग्राहकों आदि को थर्मल स्क्रीनिंग व सेनेटाइजेशन के बाद ही प्रवेश की अनुमति दी जाए। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान देते हुए लिफ्ट का कम से कम प्रयोग किया जाए। निर्देशों का अनुपालन में कोरोना से बचाव के लिए सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले प्रतिष्ठान को जिला प्रशासन द्वारा सम्मानित करने की घोषणा पर लोगों ने तालियाँ बजाकर जिलाधिकारी के शब्दों का अभिवादन किया।
वहीं गाइडलाइन के मुख्य बिन्दुओं से अवगत कराते हुए अपर जिलाधिकारी ने कहा कि जीवन और जीविका के लिए कोरोना संक्रमण से न सिर्फ हमें बचना है, बल्कि अन्य लोगों को भी जागरूक करना व बचाना होगा। छींकने, खांसने व जम्हाई लेने के दौरान रूमाल के उपयोग की आदत बनाई जाए। साथ ही प्रयोग के बाद टिश्यू पेपर आदि को डस्टबीन में ही फेंका जाए। शौचालय, वाश-बेसिन व लिफ्ट समेत पूरे परिसर की गहन सफाई एवं सेनेटाइजेशन की व्यवस्था हो।
पुलिस अधीक्षक मनीष मिश्र ने कहा कि कन्टेनमेंट जोन के बाहर स्थित रेस्टोरेंट्स में बैठकर खाने वाले ग्राहकों की संख्या सिटिंग क्षमता के 50 प्रतिशत से अधिक न हो। प्रतिष्ठान के बाहर कुल सिटिंग क्षमता सहित कोरोना से बचाव के लिए जरूरी उपाय लिखे हों। परिसर के सभी सीसीटीवी कैमरे चालू होने चाहिए।
गौरतलब है कि 10 जून को ग्राहकों को सर्व करने के लिए खोलने से पहले 8 व 9 जून रेस्टॉरेंट्स की साफ-सफाई, सेनेटिजेशन व निर्देशों के अनुपालन की दृष्टि से कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जएगा। जबकि 8, 9 व 10 जून को सभी तैयारियाँ करने के बाद 11 जून से शॉपिंग मॉल खुल सकेंगे। बैठक के दौरान रेस्टोरेंट आदि खाद्य प्रतिष्ठानों से साप्ताहिक अवकाश की अनिवार्यता समाप्त करने का अनुरोध एसोसिएशन ऑफ़ फ़ूड ऑपरेटर्स के कार्यालय सचिव केशरी मिश्र द्वारा किया गया। जिसे जिलाधिकारी द्वारा मौखिक सहमति के बाद जल्द ही लिखित आदेश जारी होने की उम्मीद खाद्य व्यवसायियों में जगी है।
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