विकास के नाम पर पर्यावरण को दूषित करते-करते आज मानव समाज विनाश के मुहाने पर है। जंगल, नदियाँ व पहाड़, सागर के समेत जल, थल व वायु दूषित होती जा रही है। जिसके दुष्परिणाम के रूप में नई-नई बीमारियाँ लोगों ग्रसित कर रही हैं। वहीं शोध में पता चला है कि जिन इलाकों में प्रदूषण का स्तर अधिक था, वहाँ कोरोना वायरस के चलते मौतें भी अधिक हुईं।
ऐसे में जैव विविधता और प्राकृतिक संतुलन को नजरअंदाज करना मानव के वजूद को खतरे में डालने जैसा है। यही वजह है कि इस बार यह विश्व पर्यावरण दिवस जैव विविधता के थीम पर आधारित है। गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के फैसले के बाद आज ही के दिन 1974 में पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया।
वहीं, पर्यावरण और साइकिलिंग के लिए अपनी विशेष पहचान बना चुके हमारा गाजियाबाद के प्रधान संपादक अनिल गुप्ता का मानना है कि हम साइकिलिंग के द्वारा सेहत और पर्यावरण को बेहतर बना सकते हैं। हमें एसी, बल्ब, पंखे, कूलर आदि का अनावश्यक उपयोग से भी बचना चाहिए तथा हर साल विश्व पर्यावरण दिवस तथा अपने जन्मदिन पर पेड़ लगाना चाहिए।