पदूषण को लेकर चर्चा में रहने वाले गाज़ियाबाद की आबोहवा को बेहतर बनाने के लिए साइकिलिंग सबसे अच्छा विकल्प है। इससे जहाँ सड़कों पर बढ़ते वाहनों का दबाव कम किया जा सकता है, वहीँ दुर्घटनाओं को भी काफी हद तक कम किया जा सकता है। यह अवसाद, मोटापा, अनिद्रा, मधुमेह व दिल की बीमारियों में विशेष लाभदायक होने के साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है।
यही वजह है कि हमारा गाज़ियाबाद के प्रधान संपादक एवं उद्यमी अनिल गुप्ता समेत उनका पूरा परिवार न सिर्फ नियमित साइकिलिंग करता है, बल्कि इसके लिए दूसरों को भी प्रेरित करता है। रोजाना 30 से 40 किलोमीटर साइकिलिंग करने वाले 57 वर्षीय श्री गुप्ता को साइकिलिंग का सुझाव उनके मित्र एवं उद्यमी दिव्य मोंगा से मिला था। जोकि अवसाद से बाहर निकलने में बहुत मददगार साबित हुआ।
साइकिलिंग सेहत के लिए बेहतर विकल्प होने के साथ ही मंजिल तक पहुंचाने में सरल, सस्ती व इको फ्रेंडली भी है। स्वस्थ जीवन शैली के लिए साइकिलिंग को समाज के हर वर्ग द्वारा तेजी से अपनाया जा रहा है। भारत की अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा डीजल और पेट्रोल के आयात पर खर्च होता है। वहीँ, साइकिल के उपयोग को बढ़ाकर डीजल और पेट्रोल के मामले में दूसरे देशों पर निर्भरता कम करने के साथ ही देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सकता है।
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