गाज़ियाबाद का पहला विद्युत शवदाह गृह हुआ चालू, पर्यावरण संरक्षण में होगी सहायता

गाज़ियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) द्वारा हिंडन नदी मोक्ष स्थली पर बनाए गए विद्युत शवदाह गृह को अब चालू कर दिया गया है। जीडीए द्वारा कई माह नगर निगम को हैंडओवर किए गए विद्युत शवदाह गृह को निगम ने अब चालू कर दिया है। शहर में यह पहला हिंडन मोक्ष स्थली के पास विद्युत शवदाह गृह है। नगर निगम के अधिशासी अभियंता विद्युत एवं यांत्रिक मनोज प्रभात ने बताया कि यह ऐसा विद्युत शवदाह गृह है,जिसमें अंतिम संस्कार के दौरान लकड़ी का प्रयोग नहीं होगा। इससे पर्यावरण को नुकसान भी नहीं पहुंचेगा।

विद्युत शवदाह गृह का निर्माण जीडीए द्वारा 70.41 लाख रुपए की लागत से कराया गया है। इसे बने हुए करीब 8 माह हो गए। जीडीए ने इसे नगर निगम को हैंडओवर कर दिया था। मगर इसे चालू करने में नगर निगम की तरफ से देरी हुई। कोरोना संक्रमण काल को देखते हुए निगम ने विद्युत शवदाह गृह को चालू करा दिया है।

निगम के अधिशासी अभियंता मनोज प्रभात ने बताया कि शवदाह गृह में सिंगल यूनिट लाइट लगी है। इसमें एक बार में एक अंतिम संस्कार हो सकता है। 500 डिग्री पर मशीन चलती है। इसमें अंतिम संस्कार में अधिकतम एक घंटे का वक्त लगता है। मशीन का तापमान मेंटेन करने के लिए इसे हर वक्त चलाकर रखा जाता है। फिलहाल निगम इसे अपने स्तर पर चला रहा है। इसे जल्द ही किसी संस्था को संचालित करने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।


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