गाज़ियाबाद समेत 5 शहर आए रेड ज़ोन में, जिला प्रशासन चाहे तो खुल सकते हैं बाज़ार जानिए कैसे

उत्तर प्रदेश सरकार ने कानपुर नगर, गाजियाबाद, आगरा, मेरठ व नोएडा के नगरीय क्षेत्रों को रेड जोन घोषित कर दिया है। प्रदेश सरकार ने वहां की संक्रमण की स्थिति का आकलन केन्द्र सरकार की लॉकडाउन 4.0 में रेड, ऑरेन्ज व ग्रीन जोन निर्धारित करने की गाइड लाइन के आधार पर किया है। प्रदेश सरकार ने केन्द्र सरकार की इसी गाइड लाइन के आधार पर सभी जिलाधिकारियों को अपने हिसाब से जोन निर्धारित करने के निर्देश दिए हैं। सरकार का यह निर्देश 18 मई से लेकर 31 मई तक लॉकडाउन 4.0 खत्म होने तक जारी रहेगा।

चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद ने बुधवार को यह आदेश जारी करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार की गाइड लाइन के आधार पर रेड, ऑरेन्ज व ग्रीन जोन निर्धारित करने छह मानक तय किए गए हैं। उन जिलों को गंभीर श्रेणी में रखा जाएगा जहां कुल एक्टिव केस 200 हों, एक्टिव केस प्रति लाख के हिसाब से 15 हों। 14 दिन में हर हफ्ते के हिसाब से वहां संक्रमित मामले दोगुने हो रहे हों। मृत्यु दर छह फीसदी या उससे ज्यादा हो। प्रति लाख की आबादी पर केवल 65 लोगों की टेस्टिंग हो रही हो। जांच के नमूने की रिपोर्ट छह फीसदी की दर से लोग संक्रमित हो रहे हों।

ऐसे गंभीर श्रेणी के जिले क्रिटिकल स्थिति से तभी हट सकते हैं जब वहां 21 दिन तक कोई केस न आए। संक्रमित मामले 28 दिन में दोगुने हों। मृत्यु दर केवल एक फीसदी रह जाए। एक लाख की आबादी पर 200 लोगों की टेस्टिंग होने लगे। संक्रमित केसों की तादाद केवल दो फीसदी रह जाए।

डीएम चाहें तो खुल सकते हैं बाज़ार

सरकार ने कहा कि केन्द्र की गाइडलाइन के आधार पर पिछले 21 दिनों में कोरोना वायरस संक्रमण का कोई मामला न पाया जाए तो वह स्वयं ही ग्रीन जोन में आ जाएगा। इसी तरह जो जिले रेड और ग्रीन जोन की स्थितियों में न हों, वह ऑरेन्ज जोन में होंगे। उन्होंने कहा कि रेड जोन में वर्गीकृत किए गए जिलों के डीएम संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए अपने जिलों में अतिरिक्त कदम उठाने के लिए अधिकृत होंगे।

ऐसे में यदि जिलाधिकारी चाहें तो वे जन हित में जिले को संक्रमितों की संख्या के आधार पर अलग-अलग जोनों में बाँट सकते हैं। यदि वे ऐसा करते हैं तो जिले ग्रीन की ऑरेंज व ग्रीन जोनों में सोशल डिस्टेन्सिंग के नियमों का पालन करते हुए व्यावसायिक गतिविधियां शुरू हो सकती हैं।


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