कोरोना वायरस के चलते लागू देश भर में लागू लॉकडाउन के बीच खुली शराब की दुकानों को बंद कराने के लिए दायर की एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई की। अदालत ने दो याचिकाओं की सुनवाई की और दोनों पर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। अदालत ने दोनों याचिकाएं खारिज करते हुए कहा कि यह सब सिर्फ पब्लिसिटी के लिए किया जा रहा है।
बता दें कि लॉकडाउन 3 के दौरान 4 मई से गृह मंत्रालय ने शराब की दुकानें खोलने की परमिशन दी। इस बाबत गृह मंत्रालय ने कहा था कि, कंटेनमेंट जोन यानी वो इलाके जहां कोरोना संक्रमितों की संख्या ज्यादा है वहां शराब की दुकानें नहीं खुलेंगी। इसके अलावा रेड, ऑरेंज और ग्रीन तीनों जोन में शराब की दुकानें खुलेंगी। हालांकि सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन करना होगा। जबकि सार्वजनिक स्थलों पर शराब पीने और पान, गुटखा, तंबाकू आदि खाने की अनुमति नहीं होगी।
आपको बता दें कि सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने, पान, गुटखा, तंबाकू आदि खाने की इजाजत नहीं है। साथ ही शराब के दुकानदारों को यह सुनिश्चित करना होगा कि ग्राहकों के बीच कम से कम छह फीट यानी दो गज की दूरी हो। दुकान में एक समय में पांच से अधिक लोग ना हों।
कहा गया था कि लॉकडाउन के दौरान सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने, पान, गुटखा, तंबाकू आदि खाने की इजाजत नहीं होगी। हालांकि, न्यूनतम छह फुट की दूरी ग्राहकों के बीच सुनिश्चित करने के बाद शराब, पान, तंबाकू की बिक्री करने की इजाजत होगी तथा दुकान पर एक समय में पांच से अधिक लोग नहीं होंगे।
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