कोविड के खिलाफ जंग लड़ रहे कोरोना योद्धाओं पर हमला करने वालों के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। अब कोरोना योद्धाओं पर हमला करने वालों को 5 साल तक की कैद हो सकती है। इस बाबत, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी की कैबिनेट ने एक अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। इस अध्यादेश के तहत, कोविड 19 के खिलाफ जंग लड रहे किसी भी कोरोना योद्धाओं पर हमला करने वालों को न्यूनतम 2 साल से अधिकतम 5 साल तक की कैद का प्रावधान किया गया है।
योगी सरकार यह अध्यादेश उत्तर प्रदेश महामारी कानून 2005 के अंतर्गत लाया गया है। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश महामारी कानून 2005 के अंतर्गत लाए गए इस अध्यादेश को उत्तर प्रदेश महामारी रोग नियंत्रण अध्यादेश 2020 का नाम दिया गया है। इस अध्यादेश के तहत COVID-19 के खिलाफ जारी जंग में अग्रणी भूमिका निभाने वाले कोरोना योद्धाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया है।
नए अध्यादेश के तहत, अब चिकित्सा अधिकारी, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, पैरा-मेडिकल स्टाफ, पुलिसकर्मी सहित सफाईकर्मियों को निशाना बनाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई संभव हो सकेगी। बता दें कि बीते दिनों यूपी में कई ऐसी घटनाएं सामने आई थी, जिसमें कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को लेने गई स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की टीमों पर हमला किया गया था।
वहीं, इन घटनाओं पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते दिनों कहा था कि कोविड-19 महामारी के खिलाफ जारी जंग में एक तरफ स्वास्थ्य कर्मी, सुरक्षाबल, अन्य सरकारी कर्मचारी और विभिन्न संगठनों के कर्मी लगातार प्रयासरत हैं। वहीं, दूसरी तरह, कुछ लोग कोरोना वाहक बनकर मेडिकल स्टाफ और सुरक्षा कर्मियों पर हमला कर रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी ने इसे गंभीर अपराध बताते हुए कहा था कि अब इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस तरह की दुस्साहसिक घटनाओं को रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने महामारी अधिनियम-1897 में प्रमुख संशोधन करने का निर्णय लिया है। उस समय सीएम योगी ने सात साल तक की कैद और 5 लाख रुपए तक के जुर्माने को नए कानून में शामिल करने की बात कही थी।
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