केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राष्ट्रीय राज्यमार्ग राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने आज गाज़ियाबाद के उद्यमियों के साथ एक वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से वार्ता की। गाज़ियाबाद इंडस्ट्रीज़ फ़ैडरेशन के चेयरमैन हरिओम चौहान द्वारा आयोजित इस बैठक में विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों के प्रतिनिधियों ने अपनी समस्याएँ बताईं। फ़ैडरेशन के महासचिव अनिल कुमार गुप्ता ने कहा कि गाज़ियाबाद के ऑरेंज ज़ोन में आने के बाद अब गाज़ियाबाद की सभी औद्योगिक इकाइयों को तत्काल संचालन की अनुमति मिलनी चाहिए।
बुलंदशहर रोड औद्योगिक क्षेत्र के प्रमुख निर्यातक सुनील गोयल ने कहा कि उद्यमी वर्तमान स्थिति की गंभीरता को समझ रहे हैं लेकिन अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए औद्योगिक इकाइयों को लॉकडाउन से छूट मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दुनिया भर के देश चीन से अपना व्यापार कम कर रहे हैं। ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह निर्यातकों को प्राथमिकता देते हुए तत्काल उत्पादन शुरू करने की इजाजत दे ताकि वे इस अवसर का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठा सकें।
फ़ैडरेशन के अध्यक्ष अरुण शर्मा ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान आवश्यक सेवाओं से जुड़ी 538 इकाइयां सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करते हुए काम कर रही हैं। उद्यमियों द्वारा सोशल डिस्टेन्सिंग के नियमों के प्रति बरती जा रही सख्ती का ही परिणाम है कि किसी भी इकाई में नया कोरोना पॉज़िटिव व्यक्ति नहीं मिला है। अतः जिला प्रशासन को चाहिए कि वह लिमिटेड स्टाफ के साथ औद्योगिक क्षेत्रों की सभी इकाइयों को आपदा प्रबंधन कानून का पालन करते हुए उत्पादन शुरू करने की इजाजत दे।
मसूरी गुलावठी औद्योगिक क्षेत्र से भाग ले रहे उद्यमी सुनील दत्त ने बताया कि उनका औद्योगिक क्षेत्र हापुड़ जिले में आता है लेकिन ज़्यादातर कामगार और सप्लायर गाज़ियाबाद रहते हैं। जिला प्रशासन को चाहिए कि वह ऐसे ई पास जारी करे जो दोनों जिलों में मान्य हों।
उद्यमी राजू पांचाल ने कहा कि एसओपी के साथ उद्योगों को चलाने की अनुमति दी जाए तथा बैंको द्वारा उद्यमियों को दिए गए कर्जे पर तीन महीने का ब्याज माफ किया जाए।
आईएएमए के महा सचिव राजीव अरोड़ा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेशानुसार लॉकडाउन के दौरान बिजली के फिक्स्ड चार्जेस को रद्द कर दिया गया है। लेकिन विद्युत विभाग द्वारा जारी ऑर्डर में कहा गया है फिक्स्ड चार्जेस को लॉकडाउन के बाद लिया जाएगा। उन्होंने सांसद जनरल वीके सिंह से अनुरोध किया कि वे राज्य सरकार से बात कर इस भ्रांति को दूर कराएं।
उद्यमी जितेंद्र त्यागी ने कहा कि अर्थ व्यवस्था को जल्द पटरी पर लाने के लिए जरूरी है कि राज्य सरकार द्वारा एक बिजनेस पोर्टल तैयार किया जाए ताकि रिटेल व्यापार शुरू हो सके। साहिबाबाद इंडस्ट्रियल एरिया का प्रतिनिधित्व कर रहे मुकेश गुप्ता बताया कि लॉकडाउन के कारण विभिन्न पोर्ट्स पर पड़े अपने इम्पोर्टेड माल को नहीं मंगा पा रहे हैं और शिपिंग कंपनियाँ आयातकों से डैमरेज चार्ज वसूल कर रही हैं। उन्होंने मांग रखी कि शिपिंग कंपनियों द्वारा वसूले जा रहे डैमरेज चार्जेज पर रोक लगनी चाहिए। उद्यमी महेश अग्रवाल ने मांग की कि दिल्ली से आने-जाने वाले उद्यमियों तथा कामगारों के लिए विशेष पास जारी हों।
निर्यातक महेश सिंघल ने कहा कि निर्यातकों को कच्चे माल के साथ-साथ पैकेजिंग मटिरियल की कमी का भी सामना करना पड़ रहा है। जिला प्रशासन को चाहिए कि वह निर्यातकों के अनुरोध पर कुछ अन्य औद्योगिक इकाइयों के संचालन की भी अनुमति दे।
सांसद जनरल वीके सिंह ने उद्यमियों की समस्याएँ सुनने के बाद कहा कि वे केंद्र तथा राज्य सरकार के संबन्धित अधिकारियों से बात कर समाधान के प्रयास करेंगे। सांसद ने बताया कि सम्पूर्ण देश को संक्रमण की स्थिति के अनुसार रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन्स में बांटा गया है। संकट के इस समय में उद्यमियों को धैर्य से काम लेना होगा। केंद्र सरकार द्वारा जल्द ही तीनों जोन्स के उद्योगों को कुछ शर्तों के साथ उत्पादन शुरू करने की अनुमति दी जाएगी।
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