मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि अगर 15 अप्रैल से लॉकडाउन खुलता है, तो हालात बहुत चुनौतीपूर्ण होंगे। ऐसे में जो जहां फंसा होगा, वहां से आने का प्रयास करेगा। इन हालातों में सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन कराना बेहद चुनौतीपूर्ण रहेगा। इसके लिए अभी से कार्य योजना तैयार करें। स्कूल, कॉलेज, अलग-अलग तरह के बाजार और मॉल कब और कैसे खुलेंगे, मुख्यमंत्री ने इसकी कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया है।
लखनऊ में की बैठक
लखनऊ में शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर टीम-11 की बैठक में सीएम योगी ने कहा कि हर जरूरतमंद तक समय से भोजन पहुंचाना सुनिश्चित करें। इसके लिए स्वयंसेवी संस्थाओं की भी मदद लें। संबंधित जिलों के डीएम से समन्वय कर आंगनबाड़ी का पौष्टिक आहार भी घर-घर तक पहुंचाएं। बैठक में मुख्य सचिव आरके तिवारी समेत टीम-11 के अन्य सदस्य भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने बारी-बारी से सब के कार्यों का फीडबैक भी लिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें 2 स्तर पर तैयारी करनी होगी। मौजूदा हालात और भविष्य के मद्देनजर रणनीति तैयार करें। हर जिले में कम्युनिटी किचन चलाएं। इसमें स्वयंसेवी संस्थाओं सहित अन्य जो लोग भी मदद देना चाहें उनकी मदद लें। हर कोई भोजन बांटने न निकले, इसके लिए कुछ कलेक्शन सेंटर बनाएं. वहां भोजन एकत्र हो और बंटने के लिए जाएं।
भविष्य की तैयारियों के मद्देनजर एनएसएस, एनसीसी, स्काउट्स और युवक मंगल दल में से वालंटियर तैयार करें। इनको कोराना के संक्रमण को रोकने और संक्रमण के दौरान क्या करना है, इस बाबत प्रशिक्षण दें। भोजन और जरूरी सामान की आपूर्ति के अलावा ये संक्रमण बढ़ने पर भी हमारे लिए उपयोगी होंगे।
निजी क्षेत्र के डॉक्टरों की लिस्ट करें तैयार
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के संक्रमण के दौरान एनेस्थेसिया, फिजिशियन, बच्चों और महिलाओं के डॉक्टर्स की सर्वाधिक जरूरत होती है। निजी क्षेत्र में संबंधित विशेषज्ञता के कितने डॉक्टर्स हैं? उनकी सूची तैयार करें। इनको प्रशिक्षण दें, ताकि जरूरत पर इनसे मदद ली जा सके। इसी तरह के प्रशिक्षण की जरूरत इनके पैरामेडिकल स्टाफ और आयुष विभाग के चिकित्सकों और उनके स्टाफ को भी होगी। जरूरत पड़ने पर निजी अस्पतालों के कितने बेड और वेंटिलेटर उपलब्ध हो सकते हैं? इसकी भी सूची तैयार करें।
1000 करोड़ का तैयार करेंगे कोरोना केयर फंड
सीएम योगी ने कहा कि सरकार 1000 करोड़ रुपये का कोरोना केयर फंड तैयार करेगी। इस फंड से टेस्टिंग लैब की सुविधाएं बढ़ाने के साथ इलाज में जरूरी और उपकरणों मसलन वेंटिलेटर, मास्क, सेनेटाइजर, पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट) आदि की व्यवस्था की जाएगी। इस फंड में सरकार तो मदद देगी ही, अन्य लोगों के अलावा कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी के तहत औद्योगिक घरानों से भी मदद ली जाएगी। प्रयास होगा कि हर मंडल और सभी 24 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में जांच की सुविधा हो।
तैयार कराएं खादी के मास्क
सीएम ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग विभाग यह सुनिश्चित कराए कि जरूरी सामान का उत्पादन प्रदेश में ही हो। इससे वे सस्ते तो होंगे ही, उनकी उपलब्धता भी बढ़ेगी। खादी के कपड़े से ऐसा मास्क तैयार कराएं, जिसका दोबारा उपयोग किया जा सके। इसके लिए महिलाओं के सेल्फ हेल्प ग्रुप की मदद लें। ऐसा करने से खादी का प्रचार भी होगा, स्थानीय स्तर पर महिलाओं को रोजगार मिलेगा और मास्क सस्ता होने पर लोग इसे अपनी आदत का हिस्सा बना सकेंगे।
वहीं सीएम ने ये भी कहा कि लॉकडाउन में जो लोग बेहतर काम कर रहे हैं उनकी सूची बनाएं। हालात सामान्य होने पर सरकार ऐसे लोगों को सम्मानित करेगी. कालाबाजारी और जमाखोरी पर सख्ती से अंकुश लगाएं। अगर जरूरी सामान थोक बाजार से ही ऊंचे दाम पर मिल रहे हों तो उनके खिलाफ भी एक्शन लें।
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