मास्क और सैनेटाइजर की कालाबाजारी रोकने के लिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) ने इनकी कीमतें तय कर दीं और रेटलिस्ट मेडिकल स्टोर पर चिपकाने के निर्देश भी दिए। मगर कीमतें तय होते ही दवा की दुकानों से मास्क और सैनेटाइजर गायब हो गए। इस संबंध में गुरुवार को एफएसडीए की टीम ने कई मेडिकल स्टोर में छापेमारी की।
एफएसडीए की टीम में शामिल ड्रग इंस्पेक्टर ब्रजेश कुमार यादव, माधुरी सिंह व पुलिस ने चौक के लगभग 25 मेडिकल स्टोर पर छापेमारी की लेकिन कहीं भी मास्क और सैनेटाइजर नहीं मिला। टीम ने आश्चर्य जाहिर करते हुए कहा कि केजीएमयू के पास स्थित मेडिकल स्टोर पर मास्क व सैनेटाइजर न मिलना गंभीर मामला है। ड्रग इंस्पेक्टर ब्रजेश ने बताया कि राजधानी में पर्याप्त मास्क और सैनेटाइजर उपलब्ध है। कीमतें तय होने से कालाबाजारी पर लगाम कसी है।
हैरानी की बात है कि केजीएमयू के आसपास मेडिकल स्टोर पर मास्क और सैनेटाइजर की बिक्री क्यों नहीं हो रही है। फिलहाल सभी को आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मास्क और सैनेटाइजर की बिक्री के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही रेट लिस्ट भी प्रदर्शित करने को कहा गया है।
ये हैं कीमतें
- 200 एमएल सैनेटाइजर- 100 रुपए
- 100 एमएल सैनेटाइजर- 50 रुपए
- 50 एमएल सैनेटाइजर- 25 रुपए
- थ्री लेयर मास्क- 10 रुपये
- टू लेयर मास्क- 8 रुपए
- घर पर उपलब्ध कराई गई दवाएं
ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि राजधानी में 150 मेडिकल स्टोर चिन्हित हैं। यहां के डिलिवरी ब्वॉय घरों में जाकर जरूरतमंदों को दवाएं उपलब्ध करा रहे हैं। गुरुवार को 928 परिवारों को घर पर दवाएं उपलब्ध कराई गईं।
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