कोरोना वायरस का प्रकोप जारी है। दुनिया भर में इससे होने वाली मौतों का आंकड़ा 43 हजार से ऊपर हो चुका है। छह लाख से ज्यादा लोग इसकी चपेट में हैं।
कोरोना वायरस को लेकर कहा जा रहा है कि अगर यह किसी चीज पर है तो कुछ समय बाद यह खुद खत्म हो जाता है। लेकिन ऐसा कितनी देर में होगा यह इस पर निर्भर करता है कि वह चीज क्या है। उदाहरण के लिए पीतल की किसी प्लेट से इसका असर आठ घंटे में खत्म होगा जबकि प्लास्टिक की किसी प्लेट पर इसका असर 16 घंटे तक बना रहता है। ऐसे में स्वास्थ्य विशेषज्ञ लोगों को रोज उन वस्तुओं को साफ करने की सलाह दे रहे हैं जिन्हें बार-बार इस्तेमाल किया जाता है।
अमेरिकी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने अपने दिशा-निर्देशों में कहा है कि जिन घरों में किसी व्यक्ति को सर्दी, खांसी और जुकाम की समस्या है वहां चीजों को साबुन, डिटर्जेंट या सफाई के लिए इस्तेमाल होने वाले रसायनों यानी केमिकल्स से दिन में कई बार साफ़ करना चाहिए। अमेरिका में खाद्य विज्ञान के प्रोफेसर डोनाल्ड शफ़नर इस मामले में यह भी कहते हैं कि ‘अगर विशेष केमिकल्स से आप किसी चीज या जगह को साफ़ करते हैं तो आपको जल्दबाजी में साफ़ नहीं करना है, केमिकल्स को वायरस का प्रभाव खत्म करने में समय लगता है, इसलिए कुछ सेकंड या मिनट तक केमिकल का वायरस वाली वस्तु पर बना रहना जरूरी है। ’
आइये जानते हैं कि सफाई करने के दौरान अलग-अलग केमिकल्स का प्रयोग किस तरह से करना चाहिए कि कोरोना वायरस का प्रभाव खत्म हो जाए।
ब्लीच का घोल
ब्लीच को ठंडे पानी में मिलाकर इस्तेमाल करने से यह कोरोना सहित तमाम वायरसों के खिलाफ प्रभावी हो सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक चार लीटर ठंडे पानी में एक कप ब्लीच मिलाकर सफाई करना सबसे कारगर है। इस घोल का इस्तेमाल 24 घंटे के अंदर कर लेना चाहिए क्योंकि इसके बाद ब्लीच का प्रभाव खत्म हो जाता है। जानकार यह भी बताते हैं कि प्लास्टिक से बनी वस्तुएं जिन पर वायरस का असर 16 घंटे तक रहता है, उन्हें कम से कम 30 सेकंड तक ब्लीच के घोल डुबाकर रखा जाना चाहिए। जिन सतहों को ब्लीच से नुकसान न पहुंचे, उन पर 10 मिनट तक ब्लीच के घोल का इस्तेमाल करें।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ यहां पर एक चेतावनी देते हुए यह भी कहते हैं कि ब्लीच के घोल को कभी भी सैनिटाइजर की तरह या हाथ धोने के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि यह त्वचा को काफी नुकसान पहुंचाता है।
एल्कोहल
एल्कोहल को किसी वायरस या बैक्टीरिया को खत्म करने के अच्छे विकल्पों में गिना जाता है। कोरोना वायरस से बचने के लिए भी लोगों को एल्कोहल युक्त सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने की सलाह दी जा रही है। जानकारों की मानें तो एल्कोहल की एक निश्चित मात्रा को पानी में मिलाकर सफाई करने से कोरोना वायरस को खत्म किया जा सकता है। इन लोगों के मुताबिक पानी में इसकी मात्रा 70 फीसदी तक होनी चाहिए। इसी मात्रा के साथ इसे ऐलोवेरा में मिलाकर इसे हैंड सैनिटाइज़र की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ यह भी कहते हैं कि बाजार में मिलने वाले जिन हैंड सैनिटाइज़र्स में एल्कोहल की मात्रा 60 फीसदी तक हो, वे कोरोना वायरस के खिलाफ प्रभावी हैं।
बहरहाल, 70 फीसदी एल्कोहल की मात्रा वाले घोल से किसी भी सतह को 30 सेकंड तक साफ़ करने से कोरोना वायरस का प्रभाव खत्म हो जाता है। ब्लीच के घोल से अलग एल्कोहल के घोल को सील बंद करके 24 घंटे से कहीं ज्यादा समय तक इस्तेमाल किया जा सकता है। सील में बंद करना इसलिए जरूरी है क्योंकि एल्कोहल के उड़ने का खतरा बना रहता है।
हाइड्रोजन परॉक्साइड
पिछले दिनों कई विशेषज्ञों ने हाइड्रोजन परॉक्साइड के घोल को सफाई के दौरान इस्तेमाल करने की सलाह दी थी। इनका कहना था कि यह कोरोना वायरस के खिलाफ कारगर हथियार है। आम तौर पर हाइड्रोजन परॉक्साइड पानी में तीन फीसदी की मात्रा के साथ बाजार में मिलता है। लेकिन पानी में कम से कम 0। 5 फीसदी की मात्रा के साथ भी यह कोरोना वायरस के खिलाफ प्रभावी साबित हो सकता है। हालांकि, सफाई करते समय यह ध्यान रहे कि इसका घोल किसी भी सतह पर एक मिनट तक रहे।
क्या सिरका भी कोरोनो वायरस को मार सकता है?
कुछ दिनों से एक चर्चा काफी आम है कि अगर किसी सतह पर कोरोना वायरस है तो उसे सिरके या चाय के पेड़ के तेल से साफ़ करके खत्म किया जा सकता है। हालांकि, स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे कोरी अफवाह बताते हैं। इनके मुताबिक अभी तक किसी भी अध्ययन में यह बात सामने नहीं आयी है कि सिरके या चाय के पेड़ के तेल से कोरोना फैमिली के किसी भी वायरस को खत्म किया जा सकता है।
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