कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई तेज करते हुए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने अपनी ट्रॉमा सेंटर इमारत को कोविड-19 के अस्पताल में तब्दील करने का निर्णय किया है। ट्रॉमा सेंटर में ज्यादातर सड़क दुर्घटना का शिकार होने वाले लोगों का इलाज होता है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अब इसे कोविड-19 अस्पताल के रूप में तैयार किया जा रहा है। शुरुआत में इसमें 260 बिस्तर होंगे। एम्स प्रशासन जल्द ही इस संबंध में आधिकारिक घोषणा करेगा। एक सूत्र ने बताया, ‘पूरे ट्रॉमा सेंटर की हताहत और आपात सेवा को एम्स मुख्य आपात विभाग में स्थानांतरित किया जा रहा है। इसमें से ज्यादातर मरीजों को पहले ही मुख्य एम्स अस्पताल के विभिन्न वॉर्डों में भेजा जा चुका है।’ इसके अलावा एम्स के यूनिटी ऑफ एलाइड हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स ने पीएम केयर्स फंड में एक दिन की सैलरी देंगे।
18 बिस्तर और जोड़े जाएंगे
ट्रॉमा सेंटर में अभी 242 बिस्तर हैं तथा इसमें 18 और जोड़े जाएंगे। कुल बिस्तरों में से 50 आईसीयू के बिस्तर हैं और 30-40 उच्च निर्भरता वाली इकाई के हैं। सेंटर के पास करीब 70 वेंटिलेटर है। सूत्र ने बताया कि जरूरत के हिसाब से इस क्षमता को और भी बढ़ाया जा सकता है।
एम्स ने कोविड-19 के प्रबंधन प्रोटोकॉल के लिए एक कार्यबल गठित किया है और कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए आने वाले दिनों में पेश होने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए कई समितियां भी गठित की हैं । अस्पताल पहले ही अपनी ओपीडी बंद कर चुका है।
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