अंतिम यात्रा के दौरान भी रखा सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान, समाज को दिया अनूठा संदेश

कोरोना वायरस एक दूसरे के संपर्क में आने से ही फैलता है। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में इस बात का अंतिम यात्रा तक में ध्यान रखा जा रहा है। शुक्रवार सुबह चौक क्षेत्र में एक बुजुर्ग का निधन हो गया। अंतिम संस्कार में गिनती के लोग शामिल हुए। बाकी लोगों को भीड़ लगाने से मना कर दिया गया।

अंतिम यात्रा के दौरान कंधा देने वालों ने मास्क लगाया और जो लोग यात्रा में शामिल थे उन्होंने 1 मीटर से अधिक दूरी बनाई। इसके बाद करीब 2 किलोमीटर दूर गर्रा श्मशान घाट तक अंतिम यात्रा गई, वहां श्मशान घाट के अंदर भी सभी एक दूसरे से दूरी बनाए रहे। दूर-दूर बैठे। इसके बाद बुजुर्ग के शव को मुखाग्नि दी गई। यह एक सीख है उन लोगों के लिए जो भीड़ लगााा हुए हैंं। दूसरी ओर शाहजहांपुर में ही कुछ लोग ऐसे भी हैं जो बेवजह बाइक, स्कूटी पर बैठकर सन्नाटे का आनंद लेने के लिए उतर सड़कों पर आ रहे हैं।

पत्नी की अंतिम विदाई पर आए लोगों को पति ने लौटाया
देवकी नंदन त्यागी के जज्बे को सलाम। समाज हित में लिए गए इनके फैसले से उन लोगों को सीख लेनी चाहिए जो बेमतलब घर से निकलकर लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। पत्नी ममता की मौत पर अंतिम विदाई और शवयात्रा में जाने के लिए जुटे लोगों को उन्होंने हाथ जोड़कर लौटा दिया। खुद पर टूटे वज्रपात के बावजूद उन्होंने लोगों को पीएम की भीड़ ना जुटाने और कोरोना से बचने की नसीहत याद दिलाई। मात्र 10 लोगों के साथ ही शवयात्रा निकाली।


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