आज 2012 निर्भया गैंगरेप मामले में 7 साल बाद दोषियों को फांसी की सजा दी गई। इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि- न्याय हुआ है। महिलाओं की गरिमा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इसका अत्यधिक महत्व है। हमारी नारी शक्ति ने हर क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। हमें मिलकर एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करना है, जहां महिला सशक्तीकरण पर ध्यान दिया जाए, जहां समानता और अवसर पर जोर हो।
Justice has prevailed.
It is of utmost importance to ensure dignity and safety of women.
Our Nari Shakti has excelled in every field. Together, we have to build a nation where the focus is on women empowerment, where there is emphasis on equality and opportunity.
— Narendra Modi (@narendramodi) March 20, 2020
निर्भया को लंबे इंतजार के बाद आखिरकार आज इंसाफ मिल गया। साल 2012 में राजधानी दिल्ली में हुए निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड के चारों दोषियों को 20 मार्च को सुबह साढ़े पांच बजे चारो गुनहगारों को फांसी दे दी गई। दोषियों को फांसी पर लटकाए जाने के बाद निर्भया के पिता ने खुशी जताई और कहा कि इस घड़ी का हमें सात साल से इंतजार था। उन्होंने कहा कि हम सब खुश हैं, आज हमारे लिए ही नहीं देश के लिए भी बड़ा दिन है। उन्होंने कहा कि निर्भया खुश हुई होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने भी नहीं दी आखिरी वक्त में राहत
निर्भया के गुनहगारों को दिल्ली हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद उसके वकील एपी सिंह ने आधी रात को सुप्रीम कोर्ट का रूख किया। जस्टिस भानुमति की तीन सदस्यीय बेंच में एपी सिंह ने राष्ट्रपति की तरफ से खारिज पवन की दया याचिका और फांसी पर स्टे की मांग की। इसके साथ ही, पवन को नाबालिग साबित करने के लिए कोर्ट के सामने स्कूल सार्टिफेकेट और अटैंडेंस रजिस्टर रखे गए। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन चीजों पर पहले ही बहस हो चुकी है।
आपको बता दें कि आज से करीब सात साल, तीन महीने और 4 दिन पहले यानी 16 दिसंबर 2012 की रात राजधानी दिल्ली में हुई इस वीभत्स घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। दिल्ली में 23 साल की छात्रा के साथ 16 दिसंबर 2012 की रात को एक चलती बस में बर्बरता के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था। इस घटना के करीब 15 दिन बाद पीड़िता की सिंगापुर के एक अस्पताल में मौत हो गई थी। इस घटना ने देश को हिला दिया था। पीड़िता को को निर्भया नाम से जाना गया।
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