दिल्ली हिंसा में शामिल थे 20 गाज़ियाबादी भी, पुलिस कर रहे है अनेक स्थानों पर छापेमारी

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा में शामिल रहे दंगाइयों की काफी हद तक पहचान हो गई है। बताया जा रहा है कि इनमें 20 से अधिक लोग गाजियाबाद के थे। दिल्ली पुलिस ने ‘फेस रिकग्निशन सिस्टम’ से इनकी पहचान की गई है। दिल्ली पुलिस ने दंगाइयों की पहचान गाजियाबाद पुलिस की मदद से की है, लेकिन अभी तक इनकी पहचान उजागर नहीं की गई है। बताया जा रहा है कि यह सभी इन दिनों अपने ठिकाने पर मौजूद नहीं हैं।

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, 24 फरवरी को दिल्ली गाजियाबाद बॉर्डर के कई इलाकों में हिंसा भड़की थी। योजना तो थी कि दिल्ली में हिंसा भड़कने के बाद गाजियाबाद में भी इसी तरह की कुछ घटनाओं को अंजाम दिया जाए। लेकिन ऐन वक्त पर गाजियाबाद पुलिस ने दंगाइयों के मंसूबों को भांप लिया था और समय रहते गाजियाबाद से दिल्ली जाने वाली सात सीमाओं को पूरी तरह से सील कर दिया।

इससे न तो दिल्ली से लोग गाजियाबाद आ पाए और न ही गाजियाबाद से कोई दिल्ली जा सका। बताया जा रहा है कि हिंसक वारदात को अंजाम देने के लिए काफी संख्या में लोग सीमा सील होने से पहले ही दिल्ली जा चुके थे। इनमें से वीडियो फुटेज के अधार पर दिल्ली पुलिस ने 20 से अधिक लोगों की पहचान कर ली है।

आपको बता दें कि दिल्ली दंगे की जांच दिल्ली पुलिस की विशेष टीम कर रही है। यह टीम दंगों की तार तलाशते हुए कई बार गाजियाबाद के विभिन्न इलाकों में आ चुकी है।

सूत्रों के अनुसार ज्यादातर दिल्ली पुलिस चुपचाप आकर वापस लौट गई है, लेकिन कुछेक बार दिल्ली पुलिस की टीम ने गाजियाबाद पुलिस के साथ मिलकर विभिन्न इलाकों में जांच पड़ताल की है। गाजियाबाद पुलिस ने भी समय समय से विभिन्न बिंदुओं पर दिल्ली पुलिस को इनपुट दिया है और हर तरह की सहयोग कर रही है।

काफी संख्या में संदिग्ध घर से हुए फरार
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक साहिबाबाद, लोनी, लोनी बॉर्डर और टीला मोड़ थाना क्षेत्र में रहने वाले बड़ी संख्या में लोग अपने घरों से फरार हैं। उनके बारे में उनके परिजन भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पा रहे हैं। बताया जा रहा है कि 20 से अधिक संदिग्धों में ये फरार लोग भी शामिल हैं।

सोशल मीडिया को खंगाल रही गाजियाबाद पुलिस

दिल्ली में हुए दंगों को भड़काने में 22 सोशल मीडिया खातों की भूमिका बताई गई है। यह सोशल मीडिया खाते दिल्ली के अलावा कई अन्य राज्यों में खोले गए थे। यह खाते 22 फरवरी को सक्रिय हुए थे और 26 फरवरी को बंद हो गए थे। बताया जा रहा है कि इनमें से दो खाते गाजियाबाद में भी सक्रिय हुए थे। हालांकि गाजियाबाद में सक्रिय खातों को कौन ऑपरेट कर रहा था, इसकी जानकारी नहीं मिली है।


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