उत्तर-पूर्वी दिल्ली के हिंसा प्रभावित इलाकों के नालों से शवों के मिलने का सिलसिला जारी है। सोमवार को भी भागीरथी विहार के नाले से एक शव मिला, जिससे इलाके में सनसनी फैल गई। पुलिस आईबी कांस्टेबल अंकित शर्मा समेत अब तक आठ शवों को नाले से बरामद कर चुकी है।
हिंसा के दौरान 26 फरवरी को चांदबाग पुलिया के पास पुलिस ने सबसे पहले नाले से आईबी कांस्टेबल अंकित का शव बरामद किया था। इसके अगले दिन 27 फरवरी को पुलिस ने गोकलपुरी और गगन विहार के नालों से दो शव बरामद किए। फिर एक मार्च को गोकुलपुरी, शिव विहार और भागीरथी विहार के नालों से चार शव बरामद हुए। वहीं सोमवार को पुलिस ने भागीरथी विहार नाले से एक शव बरामद किया।
नालों से लगातार शवों के मिलने से इलाके में हड़कंप मचा हुआ है। लोगों को शक है कि नालों से अभी और शव हो सकते हैं। लोगों का कहना है कि हिंसा के दौरान लोगों की हत्या कर शवों को छिपाने के लिए नाले में फेंके गए होंगे, जिनकी संख्या अधिक हो सकती है।
सड़ने के बाद शव ऊपर आ रहे हैं तो पता चल रह रहा है। इन नालों की पूरी जांच होनी चाहिए। हालांकि, पुलिस का कहना है कि नाले से मिलने वाले सभी शव हिंसा के दौरान के है या नहीं। जांच व पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही इसका पता चल सकेगा।
हिंसा प्रभावित इलाकों में जहां से शव मिल रहे हैं, वहां के अधिकांश नाले कूड़े से ढके हुए हैं। पानी के ऊपर पॉलिथीन की झिल्लियां और कागज के टुकड़े तैरते हुए नजर आते हैं। कूड़े की वजह से पानी दिखाई ही नहीं देता है। वहीं नालों की गहराई अधिक होने से उसमें उतरकर शवों की तलाश करना आसान नहीं है।
शवों को ठिकाने लगाने के लिए प्रयोग
नाले के आसपास रहने वाले लोगों को कहना है कि इन नालों का प्रयोग लोग शवों को ठिकाने लगाने में भी करते हैं। अक्सर नाले से शव बरामद होते रहते हैं। हालांकि, इन नालों को लोहे की जाली और पक्की दीवार बनाकर सुरक्षित किया गया है, लेकिन कुछ जगहों पर लोगों ने जाली और दीवार को तोड़कर रास्ता बना दिया है। इससे यहां से जाना सभी के लिए आसान है।
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