लखनऊ की एक विशेष सीबीआई अदालत ने 2011 में लखीमपुर खीरी जिले के निघासन थाने के अंदर एक किशोरी से बलात्कार और उसकी हत्या कर दिये जाने के मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस के तत्कालीन पुलिस कांस्टेबल अतीक अहमद को उम्रकैद की सजा सुनायी है।
सीबीआई प्रवक्ता आर के गौर ने बताया कि अदालत ने इस मामले में तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक इनायत उल्लाह खान को भी पांच साल की कैद की सजा सुनायी। विशेष न्यायाधीश ने अहमद पर एक लाख रूपये और खान पर 50,000 रूपये का जुर्माना भी लगाया।
उन्होंने कहा, ‘‘ सीबीआई ने उत्तर प्रदेश सरकार के अनुरोध पर 20 दिसंबर, 2011 को मामला दर्ज किया था और निघासन थाने के अंदर किशोरी के साथ बलात्कार एवं उसकी हत्या के आरोप पर थाने में पहले से से दर्ज की गयी प्राथमिकी के मामले में जांच अपने हाथ में ले ली थी।’’
प्रवक्ता के अनुसार इस मामले में चार आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया था लेकिन अदालत ने दो को बरी कर दिया।
चौदह वर्षीय किशोरी की मां ने थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी कि उसकी बेटी भैंस को चराने के लिए खेत ले गयी थी, उसी बीच भैंस थाना परिसर में चली गयी। जब काफी देर तक लड़की नहीं लौटी तब उसकी मां थाने में गयीं। उसने अपने बेटी के शव को पेड़ से लटका पाया। मां ने बेटी के शरीर पर जख्म के निशान देखे और ऐसा लग रहा था कि उसके साथ बलात्कार किया गया है लेकिन उसे आत्महत्या की शक्ल देने के लिए उसे फांसी के फंदे से लटका दिया गया।
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