दिल्ली हाईकोर्ट ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस की कार्यशैली पर बेहत सख्त टिप्पणी की। अदालत ने कहा कि बीजेपी नेता कपिल मिश्रा के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के लिए एफआईआर दर्ज करनी चाहिए। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पुलिस अधिकारियों से भी पूछा कि उन्होंने एफआईआर क्यों नहीं दर्ज की।
प्रभावित इलाकों में सेना की तैनाती पर हाईकोर्ट ने कहा कि हम इस बारे में अभी चर्चा नहीं करना चाहते। हमें अभी इस बात पर फोकस करना चाहिए कि FIR दर्ज हो। कोर्ट ने अधिकारियों को कानून हाथ में लेने वालों के खिलाफ सख्त रुख अपनाने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई गुरुवार सुबह तक के लिए टाल दी है।
अदालत में बीजेपी के 4 नेताओं के भाषण के वीडियो दिखाए गए
बुधवार को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर से संबंधित वीडियो ‘देश के गद्दारों को, गोली मारो… को प्ले किया गया। इसके बाद लक्ष्मी नगर सीट से बीजेपी विधायक अभय वर्मा का वीडियो प्ले किया गया। ये कल शाम (मंगलवार) का वीडियो है। कोर्ट ने पुलिस से कहा कि क्या वहां धारा-144 लगी हुई थी? पुलिस ने बताया कि लक्ष्मी नगर में धारा-144 नहीं लगी हुई थी। तीसरा वीडियो बीजेपी नेता कपिल मिश्रा का है। कोर्ट ने कहा कि हम ये वीडियो देख चुके हैं, फिर नहीं देखना चाहते। इसके बाद कोर्ट में पश्चिमी दिल्ली से बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा का वीडियो चलाया गया।
‘दिल्ली में एक और 1984 नहीं होने देंगे’, हिंसा पर HC की सख्त टिप्पणी
दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में बेहद तल्ख टिप्पणी की। सुनवाई के दौरान जस्टिस मुरलीधर ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट के रहते हुए 1984 के दंगे की घटना को दोहराने नहीं दिया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि केंद्र और राज्य के उच्च पदस्थ पदाधिकारियों को हिंसा के पीड़ितों और उनके परिवारों से मुलाकात करनी चाहिए। मामले की सुनवाई के दौरान जज ने कहा कि अब समय आ गया है जब आम नागरिकों को भी ‘Z श्रेणी’ जैसी सुरक्षा मुहैया करानी चाहिए।
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