नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) समर्थक और विरोधी गुटों के बीच हुई हिंसक झड़पों में हेड कॉन्सटेबल समेत 9 लोगों की मौत हो गई, 135 से ज्यादा जख्मी हुए। दिल्ली पुलिस ने सोमवार को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा को एक सुनियोजित साजिश बताया है। पुलिस के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भारत दौरे पर हैं। उनके दिल्ली पहुंचने से कुछ घंटे पहले ही राजधानी में हिंसा भड़की। विश्व पटल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत की छवि खराब करने के इरादे से हिंसा की स्क्रिप्ट लिखी गई। इसका माहौल गुरुवार रात से ही बनाना शुरू कर दिया गया था।
अधिकारियों के मुताबिक, शाहीन बाग में काफी दिनों से सुप्रीम कोर्ट के वार्ताकार लोगों से बात कर रहे थे। ऐसे में वहां शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन की इमेज बनाए रखने के लिए दूसरी जगहों पर हिंसक प्रदर्शन की पटकथा लिखी गई। स्पेशल ब्रांच सूत्रों की ओर से दावा किया गया है कि ट्रम्प की भारत यात्रा को लेकर पहले से ही अंदेशा था कि माहौल को जान-बूझकर खराब किया जा सकता है। पुलिस सूत्रों का कहना है इस हिंसक घटना के पीछे बाहरी शक्तियां शामिल हो सकती हैं। इन मंसूबों को पूरा करने के लिए कम उम्र के युवाओं को मोहरा बनाया गया।
फोर्स की कमी से बिगड़े हालात: पुलिस
मंगलवार की दोपहर को दिल्ली पुलिस और गृह मंत्रालय के आला अफसरों की मीटिंग हुई। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, इसमें दिल्ली पुलिस ने कहा कि हिंसा इसलिए बढ़ी क्योंकि इसे रोकने के लिए पर्याप्त सुरक्षा बल नहीं था। बैठक में दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक समेत दूसरे बड़े अफसर शामिल थे। एक अफसर के मुताबिक, पैरामिलिट्री फोर्स की कुल 35 कंपनियां दिल्ली पुलिस को दी गई थीं। इसमें से 20 कंपनियां पिछले तीन दिन से अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा व्यवस्था में व्यस्त थीं। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, हिंसा प्रभावित क्षेत्र में करीब एक हजार पुलिसकर्मी (1 बटालियन) तैनात किए गए थे।
पूर्व पुलिस अफसर बोले- पहले ही एक्शन ले लेते, तो यह दिन नहीं देखना पड़ता
दिल्ली में हिंसा की घटना पुलिस की बड़ी नाकामी है। पुलिस ने वक्त रहते कार्रवाई नहीं की, जिसका खामियाजा निर्दोष पुलिसकर्मी को उठाना पड़ा। दिल्ली पुलिस से रिटायर्ड अधिकारी ने माना कि शुरू से ही पुलिस का रवैया ढुलमुल वाला रहा। एक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी ने कहा शाहीनबाग में जिस दिन लोगों ने सड़क को ब्लॉक किया था, तभी उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए थी। पुलिस ने तभी एक्शन लिया होता तो आज यह दिन नहीं देखना पड़ता।
4,000 उपद्रवियों की वीडियो और तस्वीरों से की जाएगी पहचान: पुलिस
पुलिस की टीम उपद्रवियों की पहचान के लिए 30 वायरल वीडियो और फोटो को खंगाल रही। इनसे चार हजार से ज्यादा उपद्रवियों के बारे में अहम जानकारी मिलेगी। दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने इन वीडियो और तस्वीरों को कब्जे में ले लिया है। पुलिस इनकी पहचान के लिए मुखबिर तंत्र की भी मदद ले रही है। जिनके बारे में स्टीक जानकारी मिल जाने पर पुलिस उन्हें मामले में गिरफ्तार करेगी। सीएए के विरोध और समर्थंन में भड़काई गई हिंसा में 100 से ज्यादा नामजद हैं। जिनमें कई क्षेत्रीय स्तर के नेता भी बताए जा रहे हैं। नेताओं के नाम भी बताए जा रहे हैं। पुलिस को शक है जो नकाबपोश बवाल करते नजर आ रहे हैं, वे इस हिंसक घटनाओं के पीछे के साजिशकर्ताओं के बड़े मोहरे हो सकते हैं।
हिंसा पर गृह मंत्रालय की नजर, पुलिस का दावा- स्थिति नियंत्रण में
पूर्वी दिल्ली के अलग-अलग इलाके में हुई हिंसक घटना को गृह मंत्रालय ने बेहद गंभीरता से लिया है। दिनभर हुए बवाल को लेकर पुलिस से लगातार जानकारी ली जाती रही। गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। सीनियर पुलिस अफसर मौके पर तैनात हैं। वहीं दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक कंट्रोल रुम से हालात का जायजा लेते रहे। वहीं से वे सीनियर पुलिस अधिकारियों को जरूरत के हिसाब से दिशा निर्देश भी लगातार देते रहे।
हमारा न्यूज़ चैनल सबस्क्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Follow us on Facebook http://facebook.com/HamaraGhaziabad
Follow us on Twitter http://twitter.com/HamaraGhaziabad
Discussion about this post