नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ बेंगलुरु में आयोजित रैली में मंच से पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाली युवती अमूल्या लियोन के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कर उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। अमूल्या ने गुरुवार को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की रैली में मंच पर चढ़ने के बाद माइक लेकर पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाना शुरू कर दिया था। अपने मंच से पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाए जाने की ओवैसी ने भी निंदा की थी। अमूल्या के पिता ने भी अपनी बेटी की हरकतों की निंदा करते हुए कहा कि उसने बिल्कुल गलत किया। मैंने उसे कई बार कहा कि वह मुसलमानों से न जुड़े, लेकिन उसने मेरी एक न सुनी।
असदुद्दीन ओवैसी ने मंच पर चढ़ी अमूल्या के बारे में कहा, मैं उसके बयान की निंदा करता हूं। हमारे लिए भारत जिंदाबाद था, जिंदाबाद रहेगा। उन्होंने कहा कि हम भारत के लिए हैं और किसी भी तरह दुश्मन देश का समर्थन नहीं करते।
‘संविधान बचाओ’ बैनर तले कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसके आयोजकों ने ओवैसी के मंच पर पहुंचने के बाद अमूल्या को भीड़ को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया। अमूल्या ने वहां उपस्थित लोगों से अपने साथ ‘पाकिस्तान जिन्दाबाद’ का नारा लगाने को कहा। इस पर ओवैसी उससे माइक छीनने के लिए बढ़े और अन्य लोग भी युवती को हटाने की कोशिश करने लगे। लेकिन अमूल्या अड़ी रही और बार-बार दोहराते हुए ‘पाकिस्तान जिन्दाबाद’ कहा। बाद में पुलिस आगे बढ़ी और उसे मंच से हटा दिया।
इसके बाद ओवैसी ने लोगों को संबोधित किया और कहा कि वह युवती से सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा, न तो मेरा और न ही मेरी पार्टी का इस युवती से कोई संबंध है। आयोजकों को उसे यहां नहीं बुलाना चाहिए था। यदि मुझे यह पता होता तो मैं यहां नहीं आता। हम भारत के लिए हैं और हम किसी भी तरह दुश्मन देश का समर्थन नहीं करते। हमारा पूरा आंदोलन भारत को बचाने के लिए है।
कर्नाटक के मंत्री सीटी रवि ने कहा कि मैं इस घटना की निंदा करता हूं। ‘देशद्रोहियों’ को क्षमा नहीं किया जाना चाहिए। उसके खिलाफ देशद्रोह का केस चलना चाहिए।
मैं सिर्फ चेहरा हूं, मेरे पीछे बहुत बड़ा ग्रुप है
अमूल्या का एक पुराने वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें उसे यह कहते हुए सुना जा सकता है कि मैं जो भी कहती हूं, उसके पीछे सलाह देने वाला एक बड़ा समूह है। वीडियो में लड़की वह है, ‘मैं सिर्फ चेहरा हूं। मेरे पीछे एडवाइजरी कमेटी काम करती है और वह सलाह देती है। वही लोग बताते हैं कि आज क्या बोलना है और मैं वही बोलती हूं। पूरी टीम काम करती है। बहुत सारे सीनियर एक्टिविस्ट, मेरे माता-पिता और छात्रों का एक बहुत बड़ा समूह इस टीम का हिस्सा है। बेंगलुरु स्टूडेंट अलांयस काम करते हैं, वे बताते हैं, मुझे क्या करना है क्या बोलना है।’
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