ट्रांस हिंडन क्षेत्र के कौशांबी में ग्रीन बेल्ट से अतिक्रमण के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई न होने पर राष्ट्रीय हरित अभिकरण (एनजीटी) ने बुधवार को नगरायुक्त और अधिशासी अभियंता पर दस-दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। अदालत ने यह जुर्माना एक सप्ताह के अंदर एनजीटी बार एसोसिएशन में जमा कराने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही कौशांबी से जल्द ही अतिक्रमण हटवाने के आदेश दिए हैं।
कौशांबी में ग्रीन बेल्ट, फुटपाथ, सड़कों पर अतिक्रमण को लेकर कौशांबी में रहने वाले अधिवक्ता एसए जैदी ने एनजीटी में याचिका दाखिल की थी। एनजीटी ने नगर निगम के अधिकारियों को कौशांबी से अतिक्रमण हटवाने के आदेश दिए लेकिन यहां से अतिक्रमण नहीं हटवाया गया। इसी मामले में बुधवार को एनजीटी में सुनवाई की गई। एनजीटी ने नगरायुक्त दिनेश चंद्र और अधिशासी अभियंता देशराज सिंह पर दस-दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। एनजीटी ने अतिक्रमण के मामले पर अगली सुनवाई के लिए चार मार्च की तिथि निश्चित की है। चार मार्च को भी नगरायुक्त और अधिशासी अभियंता को एनजीटी में पेश होने के लिए आदेश दिए गए हैं।
कौशांबी अपार्टमेंट रेजीडेंट वेलफ़ेयर असोसियेशन के अध्यक्ष वीके मित्तल का कहना है कि कई बार शिकायत करने के बाद भी नगर निगम के अधिकारी कौशांबी में अतिक्रमण के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई नहीं कर रहे थे। दुकानदारों ने सड़कों और फुटपाथ पर अवैध तरह से दुकानें खोल ली है, इसकी वजह से लोगों को पैदल चलने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है। एनजीटी का आदेश अच्छा है, उम्मीद है अब अतिक्रमण हटाया जाएगा। एनजीटी में मैंने अपना पक्ष रखा लेकिन एनजीटी ने अतिक्रमण न हटा पाने में हमारी लापरवाही मानते हुए हम पर जुर्माना लगाया है। जल्द ही अन्य विभागों का सहयोग लेकर कौशांबी में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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