गाज़ियाबाद के थाना कविनगर क्षेत्र में स्थित गौर मॉल के एक शोरूम मैनेजर की पत्नी ने पुलिस पर 50 हजार रुपये घूस मांगने का आरोप लगाया है। हवालात में बंद पति को छुड़ाने के लिए पैसे नहीं होने के कारण सात माह की गर्भवती पत्नी तीन दिन तक कविनगर थाने के बाहर बैठी रही। सोमवार को जब मामला तूल पकड़ने लगा तो पुलिस ने मैनेजर पति को छोड़ दिया। महिला का कहना है कि सोमवार को उन्होंने पुलिस पैर भी पकड़े थे।
दिल्ली के मुनीरका निवासी रवि सागर आरडीसी में गौर मॉल स्थित एक शोरूम में मैनेजर हैं। रवि अपनी पत्नी सोनी के साथ राजनगर में किराये के मकान रह रहे हैं। शनिवार को एक महिला ग्राहक शोरूम में अपना मोबाइल भूल गई थी। आरोप है कि रवि ने मोबाइल को उठाकर अपनी जेब में रख लिया था। जब ग्राहक दोबारा आई तो रवि ने उसे मोबाइल लौटा दिया। वह महिला अपना मोबाइल लेकर मॉल से बाहर आई तो सड़क पर पीसीआर खड़ी हुई थी। ग्राहक ने पीसीआर पर तैनात पुलिस वाले से मौखिक तौर पर मोबाइल चोरी की शिकायत कर चली गई। पुलिस वालों ने शोरूम पर पहुंचकर रवि को पकड़ लिया और राजनगर सेक्टर-3 चौकी प्रभारी के हवाले कर दिया। चौकी प्रभारी ने उसे थाने में लाकर हवालात में बंद कर दिया।
महिला अपने पति को छुड़ाने के लिए थाने पहुंची। मगर पुलिस ने उसे छोड़ने से इन्कार कर दिया। पत्नी रात भर थाने में बैठी रही। रविवार को फिर से महिला ने पुलिस से पति को छोड़ने की गुहार लगाई। रविवार रात तीन बजे तक थाने पर बैठने के बाद वह घर चली गई। सोमवार अल सुबह महिला फिर से थाने पर पहुंची। महिला ने बताया कि पुलिस उससे पति को छोड़ने के लिए 50 हजार रुपये की मांग कर रही है। उनके पास पैसे नहीं है। सोमवार दोपहर को उनके परिवार ने चौकी प्रभारी के पैर पकड़े, जिसके पुलिस ने उसे छोड़ दिया। तूल पकड़ने पर छोड़ा।
तीन दिन तक हवालात में रखने के बाद सोमवार को यह मामला तूल पकड़ गया। महिला ने बताया कि मामला आला अफसरों तक पहुंचा तो चौकी प्रभारी ने उनकी पति को छोड़ दिया। महिला का कहना है कि जब पुलिस को यह महसूस हुआ कि वास्तव में उनके पास पैसे नहीं है, तो पुलिस ने उनके पति को छोड़ने का निर्णय लिया।
महिला ने उठाए ये सवाल
महिला ने बताया कि उस महिला ने उनके पति के खिलाफ लिखित में कोई शिकायत नहीं दी थी। पुलिस बार-बार अपनी तरफ से मुकदमा दर्ज करने की धमकी दे रही थी। पुलिस ने 24 घंटे की भीतर उनके पति को कोर्ट में पेश नहीं किया। तीन दिन तक किसी को हवालात में नहीं रखा जा सकता है। जो भी उनके परिवार का चौकी प्रभारी से मिलने जा रहा था, उससे बात करने से पहले वह कैमरे की तलाशी ले रहे थे। कॉल रिकॉर्ड होने के डर से फोन पर भी बात नहीं कर रहे थे। कविनगर पुलिस लगातार पचास हजार रुपये की मांग कर रही थी। जिस महिला का मोबाइल चोरी हुआ था, पुलिस तीन दिन तक उसका थाने में तहरीर देने का इंतजार कर रही थी। जब पीड़िता ने थाने तहरीर नहीं दी तो पुलिस ने शोरूम प्रबंधक को छोड़ दिया। घूस मांगने का आरोप बेबुनियाद है।
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