सुप्रीम कोर्ट – निर्भया कांड के आरोपी मुकेश सिंह की याचिका खारिज, फांसी का रास्ता हुआ साफ

सर्वोच्च न्यायालय में निर्भया गैंगरेप केस के दोषी मुकेश सिंह की एक और याचिका खारिज हो गई है। मुकेश ने राष्ट्रपति के दया याचिका खारिज करने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। मुकेश ने अपनी याचिका में जेल में शोषण का हवाला भी दिया था। कोर्ट ने उसकी सारी दलीलों को निराधार पाया। कोर्ट ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि जेल में टॉर्चर राष्ट्रपति के दया याचिका खारिज करने के फैसले की समीक्षा का आधार नहीं हो सकता।

जस्टिस आर. भानुमति, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एएस. बोपन्ना की बेंच ने कहा कि राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका का जल्द निपटारा किए जाने का मतलब यह नहीं है कि उन्होंने सोच-समझकर फैसला नहीं किया। बेंच ने कहा कि निर्भया मामले में सुनवाई अदालत, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के फैसले सहित प्रासंगिक रिकॉर्ड राष्ट्रपति के समक्ष गृह मंत्रालय की ओर से पेश किए गए। अदालत ने यह भी कहा कि जेल में कथित पीड़ा का सामना करने को राष्ट्रपति के दया याचिका खारिज करने के खिलाफ आधार नहीं बनाया जा सकता।

इससे पहले मंगलवार को कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनी थीं। मुकेश की वकील अंजना प्रकाश ने दावा किया था कि जेल में मुकेश का यौन शोषण हुआ था और उसके भाई राम सिंह की हत्या की गई थी। इस दौरान जेल अधिकारी भी मौजूद थे, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा। वकील अंजना प्रकाश ने कहा था कि राष्ट्रपति के सामने कई दस्तावेज नहीं रखे गए थे, इसलिए दया याचिका खारिज होने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट को विचार करना चाहिए। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने बुधवार तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था।

आज फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘हमने खुद को संतुष्ट करने के लिए राष्ट्रपति के पास भेजे गए सारे दस्तावेजों को देखा। गृह मंत्रालय ने सारे दस्तावेज भेजे थे। मुकेश की याचिका में कोई मेरिट नहीं है। जेल में प्रताड़ना दया के लिए कोई आधार नहीं है।’ इसके बाद मुकेश की याचिका को खारिज कर दिया गया।

मुकेश की फांसी का रास्ता साफ
ये याचिका खारिज होने के साथ ही निर्भया के दोषी मुकेश सिंह की फांसी का रास्ता साफ हो गया है; क्योंकि पुनर्विचार याचिका, क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका तीनों खारिज होने के बाद उसके पास बस राष्ट्रपति भवन के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का ऑप्शन बचा था। याचिका खारिज होने के बाद ये आखिरी ऑप्शन भी खत्म हो गया है।

उधर, निर्भया के एक और दोषी अक्षय सिंह ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल की है। अक्षय के बाद विनय भी आज राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजने वाला है। बता दें कि साल दिल्ली में 2012 में हुए निर्भया गैंगरेप केस के चारों दोषियों मुकेश सिंह, पवन गुप्ता, अक्षय कुमार सिंह ठाकुर और विनय शर्मा को फांसी की सज़ा सुनाई गई है। इन सभी को 1 फरवरी को सुबह 6 बजे तिहाड़ जेल में फांसी होनी है।

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