फांसी की सजा से बचने के लिए निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में दोषी लगातार नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं। निर्भया मामले के एक दोषी मुकेश सिंह ने आज अपनी वकील वृंदा ग्रोवर के जरिये सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर राष्ट्रपति द्वारा याचिका खारिज करने को चुनौती देते हुए रहम की गुहार लगाई है। यह जानकारी खुद वृंदा ग्रोवर ने मीडिया को दी है।
गौरतलब है कि मौत की सजा पाए दोषी के लिए बचने का यह अंतिम रास्ता होता है। जब राष्ट्रपति किसी की दया याचिका खारिज कर दें, तो इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। यह चुनौती दोषी को दया याचिका खारिज होने के 14 दिन के अंदर देनी होती है. अगर यह याचिका भी खारिज हो जाती है, तो मुकेश के पास सभी कानूनी विकल्प पूरी तरह से समाप्त हो जाएंगे और निर्धारित तारीख को उसे फांसी हो सकती है। यह फांसी उसी हालत में रुकेगी जब मामले से जुड़े अन्य तीन दोषियों का कोई केस लंबित हो और फांसी की तारीख तक उस पर फैसला न आ सके, तब फांसी की एक नई तारीख घोषित की जा सकती है।
वहीं, शनिवार को दिल्ली की एक अदालत ने दोषी पवन, विनय और अक्षय के वकील की वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें कहा गया था कि तिहाड़ जेल दस्तावेज नहीं सौंप रहा है। अभियोजन पक्ष ने अदालत को सूचित किया कि तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने दोषियों के वकील द्वारा मांगे गए सभी संबंधित दस्तावेज उन्हें पहले ही मुहैया करा दिए हैं। इस पर अदालत ने कहा कि इस मामले में आगे किसी दिशा-निर्देश की आवश्यकता नहीं है और कोर्ट ने यह याचिका खारिज कर दी।
आपको बता दें कि निर्भया गैंगरेप मामले में 4 दोषियों को फांसी की सजा मुकर्रर हो चुकी है। दोषी विनय, अक्षय, मुकेश और पवन को तिहाड़ जेल नंबर 3 में फांसी होने वाली है। इसके लिए एक फरवरी की सुबह छह बजे का समय रखा गया है। आपको बता दें कि इस मामले के सभी दोषियों को अलग-अलग काल कोठरियों में बंद रखा गया है।
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