सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने कहा कि सीएए के लागू होने के बाद पिछले करीब एक महीने में स्वदेश लौटने वाले अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की संख्या में काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। अर्द्धसैन्य बल के एक शीर्ष अधिकारी ने आज कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के क्रियान्वयन के बाद अवैध प्रवासियों के बीच डर के कारण यह संख्या बढ़ी है।
बीएसएफ के महानिरीक्षक (साउथ बंगाल फ्रंटियर) वाई बी खुरानिया ने संवाददाताओं से कहा, ”पिछले एक महीने में सीमावर्ती देश जाने वाले अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। हमने केवल जनवरी में 268 अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पकड़ा जिनमें से अधिकतर लोग पड़ोसी देश जाने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 90 प्रतिशत भारत छोड़कर बांग्लादेश में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि बीएसएफ ने मवेशियों की तस्करी में भी काफी कमी देखी है। उन्होंने कहा कि 2019 में मादक पदार्थों खासकर याबा टेबैलेट की तस्करी में इजाफा हुआ था। जनवरी में 10,000 ऐसी गोलियां जब्त की गई। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, बांग्लादेश से भारत की सीमा पार करते हुए पकड़े गए लोगों की संख्या में 50 फीसदी का इजाफा हुआ है। वर्ष 2018 में बीएसफ ने 2971 लोगों को गिरफ्तार किया जबकि 2017 में 1800 लोगों को गिरफ्तार किया था।
एचटी ने 20 जनवरी को बताया कि बड़ी संख्या में अवैध रूप से निर्वासित होने की कोशिश में पकड़े गए लोगों में महिलाएं और बच्चे थे। एनसीआरबी के ‘भारत में अपराध 2018’ रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2018 में बांग्लादेश में एक ‘आउटवर्ड मूवमेंट’ करते हुए 2971 लोगों को गिरफ्तार किया था जिसमें 1532 पुरुष, 749 महिलाएं और 690 बच्चे थे। वर्ष 2017 में क्रमशः इसी संख्या 1477, 268 और 55 थी।
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