यातायात नियमों के उल्लंघन के ज्यादातर मामलों में अब ट्रैफिक पुलिस को चौराहों पर मौजूद रहकर चालान करने की जरूरत नहीं होगी। बल्कि ऐसे मामलों में कहीं दूर नियंत्रण कक्ष में बैठे-बैठे भी ई- चालान किए जा सकेंगे।
राष्ट्रीय सूचना केंद्र (एनआईसी) ने देश भर में 17 करोड़ ड्राइविंग लाइसेंस और 26.5 करोड़ वाहनों के रजिस्ट्रेशन को ऑनलाइन कर दिया है। ट्रैफिक पुलिस समेत तमाम प्रयोगकर्ता एजेंसियां इन आंकड़ों को सीधे हासिल करने लगी हैं। एनआईसी की महानिदेशक नीता वर्मा ने बताया कि ई- गवर्नेस की दिशा में परिवहन क्षेत्र को पूरी तरह से कवर कर लिया गया है। सभी आरटीओ को नेटवर्क से जोड़ दिया गया है। अब देश भर में ड्राइविंग लाइसेंस बनाने, वाहनों के रजिस्ट्रेशन समेत सौ से भी अधिक सेवाओं को ऑनलाइन कर दिया गया है।
एनआईसी के अनुसार, सारे आंकड़े ऑनलाइन उपलब्ध होने से नियमों का उल्लंघन करने वालों को सड़कों पर कैमरे लगाकर पकड़ना आसान हो गया। इससे डुप्लीकेट लाइसेंस और आरसी बनाना भी संभव नहीं होगा क्योंकि इस नेटवर्क में वाहन निर्माताओं से भी आकंड़े लिए गए हैं। इसके बार-बार नियम तोड़ने वाले चालकों का विवरण भी एक क्लिक पर रहेगा तथा देश भर में यातायात पुलिस के पास ऐसे चालकों का ब्योरा होगा। उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, उत्तराखंड समेत 18 राज्यों ने ई- चालान शुरू कर दिए हैं।
वर्मा ने कहा कि सभी राज्यों से कहा गया है कि वे ई- चालान सेवा शुरू करें। राज्यों द्वारा इसके लिए आवश्यक उपकरणों की खरीद आदि की जा रही है। ‘एम परिवहन ऐप’ पर कोई भी व्यक्ति अपने डीएल और वाहन का ब्योरा देख सकता है। उम्मीद है कि अगले एक साल के भीतर पूरे देश में ई- चालान शुरू हो जाएंगे।
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