सीएए के विरोध में राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में पिछले 27 दिनों से जारी प्रदर्शन को समाप्त करवाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट ने गेंद पुलिस और केंद्र के पाले में डाल दी है। जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने इस पूरे मामले को पुलिस पर छोड़ दिया है। अदालत ने कहा कि दिल्ली पुलिस और संबंधित विभाग जैसे ट्रैफिक पुलिस, दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार जो भी ठीक कदम हो वो उठाएं और रास्ता खुलवाएं। हालांकि इस फैसले में प्रदर्शनकारियों के बारे में कुछ नहीं कहा है। अदालत ने अपने आदेश में जो सबसे अहम बात कही है वह ये है कि जनहित का ध्यान रखते हुए ही कोई कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही अदालत ने इसके लिए कोई डेडलाइन निश्चित नहीं की है।
सुनवाई के दौरान अदालत में ये भी बताया गया कि किस तरह से छोटे-छोटे बच्चों को दो-दो घंटे पहले स्कूल के लिए निकलना पड़ता है क्योंकि जाम इतना ज्यादा होता है। वहीं दफ्तर जाने व नोएडा से दिल्ली आने जाने वाले लोगों की परेशानी के बारे में भी अदालत को बताया गया। इन सभी बातों पर गौर करने के बाद ही हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है।
जनहित याचिका में याची ने कहा कि प्रदर्शन के कारण पिछले 27 दिनों से कालिंदी कुंज-शाहीन बाग रोड बंद है। इसकी वजह से हजारों लोगों को अपने गंतव्यों तक पहुंचने में भारी परेशानी हो रही है। यह मार्ग बंद होने की वजह से दूसरे वैकल्पिक रास्तों पर भारी जाम है। याची ने मांग की है कि कोर्ट द्वारा दिल्ली पुलिस को इस मार्ग को खुलवाने का आदेश दिया जाये ताकि लोगों को इस परेशानी से निजात मिल सके।
वकील और सामाजिक कार्यकर्ता अमित साहनी द्वारा इस दाखिल याचिका में दिल्ली पुलिस आयुक्त को कालिंदी कुंज-शाहीन बाग पट्टी और ओखला अंडरपास को बंद करने के आदेश को वापस लेने का निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि इस सड़क पर अपोलो अस्पताल है। सुबह से शाम तक ही नहीं रातभर इस सड़क पर खासा ट्रैफिक रहता है। इस मार्ग के बंद होने से दिल्ली-आगरा हाइवे भी प्रभावित हो रहा है।
याचिका में कहा गया है कि कालिंदी कुंज का इलाका दिल्ली, फरीदाबाद (हरियाणा) और नोएडा (उत्तर प्रदेश) को जोड़ने की वजह से बहुत महत्व रखता है। यहां से निकलने वाले मार्गों का इस्तेमाल करने वाले लोगों को डीएनडी और अन्य वैकल्पिक रास्तों का इस्तेमाल करना पड़ रहा है जिससे भारी यातायात जाम की स्थिति बन रही है और साथ ही समय तथा ईंधन की बर्बादी भी हो रही है। इसमें कहा गया कि इस मार्ग का इस्तेमाल करने वाले बच्चों को स्कूल के समय से दो घंटे पहले घर छोड़ना पड़ रहा है।
इससे पहले तुषार सचदेव और रमन कालरा ने हाईकोर्ट में याचिका डाली थी। इन दोनों याचिकाओं में कालिंदी कुंज-शाहीन बाग रोड को जल्द खुलवाने की मांग की गई थी। इसके पक्ष में कई तर्क दिए गए थे, लेकिन याचिका हाथ से लिखकर पत्र के रूप में देने पर शुक्रवार को हाईकोर्ट ने सुनवाई करने से इंकार कर दिया था।
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