ओडीएफ प्लस प्लस प्रोटोकोल के दावों की स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 के तहत हकीकत जानने आई केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय की टीम शुक्रवार को निरीक्षण पूरा करके लौट गई। आखिरी दिन टीम ने पांचों जोन में दौरा किया। मोहननगर जोन में विशेष रूप से अर्थला झील के आसपास की सफाई व्यवस्था देखी। यह जानने का प्रयास किया कि कहीं लोग यहां खुले में शौच तो नहीं कर रहे। यहां सफाई व्यवस्था दुरुस्त मिली। यहां बने शौचालय में मौजूद सुविधाओं को भी परखा।
निगम सूत्रों के मुताबिक टीम ने सिटी जोन क्षेत्र में घंटाघर रामलीला मैदान का निरीक्षण किया। टीम ने आसपास के लोगों से बात सफाई व्यवस्था को लेकर बात की और यहां शौचालयों का निरीक्षण किया गया। कविनगर में भी टीम ने रामलीला मैदान और उसके आसपास के क्षेत्रों का निरीक्षण किया। यहां सड़क किनारे स्वच्छता की हकीकत जानी।
वसुंधरा जोन में कौशांबी और विजयनगर में कई इलाकों का रुख किया। वहां झोपड़ी में रह रहे लोगों से पूछा कि वह शौच करने कहां जाते हैं? यह सवाल कर टीम ने जानने का प्रयास किया कि कहीं वे लोग खुले में तो शौच नहीं कर रहे। सब ने जवाब में बताया कि वे निगम के शौचालयों में शौच करने जाते हैं।
इस बार स्वच्छ सर्वेक्षण में वाटर प्लस का प्रोटोकोल जोड़ा गया है। इसके तहत निगम को सीवर के गंदे पानी को साफ कर उसे दोबारा उपयोग में लेने की व्यवस्था करनी थी। निगम ने दावा किया था कि वह सीवर के पानी को एसटीपी में ट्रीट करके उसे छिड़काव और पार्कों में उपयोग करते हैं। मंत्रालय की तरफ से इस प्रोटोकोल के तहत किए गए कार्यों की हकीकत जानने आएगी। इसके बाद एक टीम कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्थाओं की जांच करेगी।
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