पिलखुआ पुलिस ने मंगलवार रात को नकली शैंपू बनाकर उसे नामी कंपनियों के पैकेट व बोतल में बेचने वाले गिरोह के 2 बदमाशों को किया। नक्कालों का यह गिरोह अपने माल को पूरे वेस्टर्न यूपी में खपाता है। ये ग्रामीण इलाकों को ज्यादा फोकस करते हैं। पुलिस ने इनके पास से काफी मात्रा में शैंपू व ब्यूटी प्रॉडक्ट्स बनाने वाली नामी कंपनियों के रैपर, नकली शैम्पू व अन्य सामान बरामद किया है। इस गिरोह में कई और बदमाश हैं जो अलग-अलग जगहों से नकली शैंपू बनाने की फैक्ट्री चला रहे हैं। पुलिस इनके अन्य साथियों की तलाश कर रही है।
थाना प्रभारी निरीक्षक महावीर सिंह चौहान ने बताया कि पिलखुवा के मोहल्ला सद्दीकपुरा में नकली शैंपू व कॉस्मेटिक सामान बनाने वाली फैक्ट्री चलने की सूचना मिली थी। सूचना के बाद मंगलवार देर रात पुलिस ने फैक्ट्री पर छापा मारा और वहां काम रहे सरफराज निवासी सद्दीकपुरा, दिलदार निवासी गांव निठोरी थाना मसूरी गाजियाबाद को गिरफ्तार कर लिया।
छापेमारी के दौरान पुलिस को मौके से 100 लीटर नकली शैंपू, कैन में 50 लीटर सफेद पाउडर, नामी कंपनियों के 275 खाली डिब्बे, नकली शैंपू से भरे 51 डिब्बे व शैंपू बनाने वाले कई उपकरण मिले। पकड़े गए आरोपितों ने पुलिस को बताया कि पहले वे लोग गौतमबुद्ध नगर के जारचा थाना क्षेत्र में फैक्ट्री चला रहे थे, लेकिन वहां पुलिस की सख्ती होने पर 6 महीने पहले पिलखुवा शिफ्ट हो गए थे।
गिरोह नामी कंपनियों के डिब्बे में नकली शैंपू को पैक करने के बाद बदांयू, अलीगढ़, बुलंदशहर, बिजनौर, बागपत, शामली, मुजफ्फरनगर, हापुड़, मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर व अन्य जिलों के ग्रामीण इलाकों में इसे सप्लाई करते थे। ये लोग अपने सामान की कीमत काफी कम कर देते थे। ऐसे में इसकी डिमांड काफी होती थी।
आरोपियों ने बताया कि वे नोएडा, दिल्ली व हरियाणा में कबाड़ियों से स्क्रैप में सस्ते दामों पर विभिन्न कंपनियों के खाली डिब्बे खरीदकर उसे साफ करके उसी ब्रैंड का कलर डालकर नकली शैंपू भरकर बाजार में सप्लाई करते हैं। आरोपियों के अनुसार, वे लोग नकली शैंपू बनाने के लिए कई खतरनाक केमिकल के अलावा रीटा डिटर्जेंट पाउडर, भैंस की चर्बी व रंगों का इस्तेमाल करते थे।
फिजीशियन डॉ. श्याम कुमार ने बताया कि मिलावटी शैंपू का इस्तेमाल करना काफी खतरनाक होता है। इससे न सिर्फ बाल झड़ने व सफेद होने लगते हैं, बल्कि इस तरह के शैंपू से चर्म रोग, आंखों की रोशनी कम होने की भी समस्या होती है। इसके अलावा केमिकल वाले शैंपू से कैंसर होने की भी आशंका रहती है।
कैसे करें असली की पहचान
-कोई भी ब्यूटी प्रॉडक्ट लेते वक्त उसे कोहनी के अपोजिट साइड और कान के पीछे लगा कर जांचें। खुजली या रैसेस न हो तो सामान असली है।
-सामान के पैकेट पर टोल फ्री नंबर होता है। अगर आपको किसी भी तरह का संदेह हो तो उस नंबर पर कॉल करके पूछताछ कर सकते हैं।
-जहां से सामान खरीद रहे हैं वहां संभव हो तो पक्का बिल जरूर चेक करें।
-सामान ऐसे शॉप से लें जो पक्का बिल देते हों और उनके बिल पर टिन नंबर लिखा हो। क्योंकि रजिस्टर्ड दुकानदार जल्दी गलत काम नहीं करते।
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