जिला शुल्क नियामक कमेटी (डीएफआरसी) के नियमों की अनदेखी कर कुछ निजी स्कूल मनमानी तरीके से फीस में वृद्धि कर रहे हैं। इसके विरोध में गाजियाबाद पैरेंट्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने डीएम कार्यालय पर ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने चेतावनी भी दी कि समस्या का समाधान नहीं हुआ और मनमानी नहीं रोकी गई तो आंदोलन को मजबूर होना पड़ेगा।
सोमवार को गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने एडीएम वित्त एवं राजस्व को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने बताया कि प्राइवेट स्कूलों ने जिला शुल्क नियामक कमेटी की बिना अनुमति के नए शिक्षा सत्र 2020-2021 में बेतहाशा फीस वृद्धि की है। फीस अधिनियम 2018 के अनुसार, किसी भी स्कूल को फीस बढ़ाने से पहले समुचित प्राधिकारी डीएफआरसी से अनुमति लेनी होगी। उन्होंने आरोप लगाया कि इसकी शुरूआत सिल्वर लाइन प्रेस्टीज स्कूल ने की है। स्कूल ने फीस निर्धारण करने के लिए सीपीआई 5.54 प्रतिशत लिया है। जबकि गौतमबुद्धनगर की डीएफआरसी ने सीपीआई 2.88 प्रतिशत के हिसाब से फीस निर्धारित करने का आदेश अपने जिले के स्कूलों को दिया है।
अभिभावक संघ ने आरोप लगाया कि वर्तमान सत्र में पांचवीं कक्षा के छात्र की एक माह की कंपोजिट फीस 7715 रुपये है। उसी छात्र के कक्षा 6 में जाने पर अब 9874 रुपये देगा, जो 2069 रुपये की बढ़ोतरी दिखा रहा है। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि डीएफआरसी की बिना अनुमति के स्कूलों में फीस वृद्धि की जा रही है। इससे अभिभावकों को परेशानी हो रही है। उनकी जेब पर बड़ा भार पड़ रहा है। उन्होंने फीस वृद्धि रोकने की मांग की है। साथ ही चेतावनी दी है कि समस्या का समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन करेंगे। इस दौरान अनिल सिंह, कौशलेंद्र सिंह, कौशल ठाकुर, आशीष श्रीवास्तव, हरमेल सिंह, वीके सिंह, नरेंद्र सिंह, जगदीश पटवाल, विशंभर सिंह, संजय पंडित, भारती शर्मा, साधना सिंह, प्रियंका आदि मौजूद रहे।
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