जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में हुए हिंसा के मामले में छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष समेत 19 छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। रविवार रात को कुछ नकाबपोश बदमाशों में जेएनयू कैंपस में घुसकर छात्रों और टीचरों की लोहे की रॉड-डंडे से पिटाई की थी। इसमें कुल 34 छात्र-छात्राएं जख्मी हो गए थे, जिनमें आइशी घोष भी शामिल थीं। मारपीट में आइशी के सिर पर काफी गहरी चोटें आई, जिसके बाद उन्हें एम्स के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती करना पड़ा था।
न्यूज़ एजेंसी ANI के मुताबिक, जेएनयू में 4 जनवरी को जो मारपीट और सर्वर रूम तोड़ने की एफआईआर दर्ज हुई है, उसमें JNUSU अध्यक्ष आइशी घोष और उनके 7-8 साथियों के नाम शामिल हैं। ये एफआईआर जेएनयू प्रशासन की तरफ से 5 जनवरी को दर्ज कराई गई थी।
वहीं, इस हिंसा की पूरी जिम्मेदारी हिन्दू रक्षा दल ने ली है। हिन्दू रक्षा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष पिंकी चौधरी ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि छात्रों की पिटाई करने वाले उनके कार्यकर्ता थे। उन्होंने कहा कि जेएनयू में देश विरोधी गतिविधियां होती हैं, जो उन्हें बर्दाश्त नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर कोई देश के खिलाफ साजिश रचेगा तो वो उसी तरह जवाब देंगे जिस प्रकार रविवार को जेएनयू में दिया गया।
जेएनयू प्रशासन के मुताबिक, कैंपस में बीते 8 अक्टूबर से हॉस्टल फीस बढ़ोतरी के विरोध में छात्र संघ समेत आम छात्रों का विरोध प्रदर्शन चल रहा है। इसके तहत छात्रों ने दिसंबर की सेमेस्टर परीक्षाओं का बहिष्कार किया था। दो दिन तक लेफ्ट संगठनों ने सर्वर रूम पर कब्जा कर रखा था और रजिस्ट्रेशन नहीं होने दे रहे थे। इस बीच रविवार को कुछ छात्र विंटर सेमेस्टर रजिस्ट्रेशन के आखिरी दिन रजिस्ट्रेशन करने जा रहे थे। तभी प्रॉक्टर ऑफिस के बाहर छात्रसंघ समेत वामपंथी छात्र संगठनों ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इस दौरान उनके बीच धक्का-मुक्की और कहासुनी शुरू हो गई। बताया जा रहा है कि मौके पर कुछ टीचर्स भी थे, लेकिन किसी ने लेफ्ट छात्र संगठनों को मारपीट करने से नहीं रोका।
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