किसानों के लिए यह बहुत काम की खबर है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम के तहत सालाना 6000 रुपये का लाभ लेने के लिए कुछ लोग गड़गड़ी करने लगे हैं। ऐसा करने वाले लोगों पर मोदी सरकार सख्त हो गई है। सरकार ने आठ राज्यों के ऐसे 1,19,743 लोगों से हाल ही में पैसा वापस ले लिया है। लाभार्थियों के नामों एवं उनके बैंक खातों के दिए गए रिकॉर्ड मेल नहीं खा रहे थे। कृषि मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि इन अकाउंट्स में बिना वेरीफिकेशन पैसा जमा हो गया था। मतलब, बैंक अकाउंट और खेत मालिक के नाम के बीच अंतर पाया गया। ऐसे में बैंक अकाउंट और आधार में किसान का नाम एक होना चाहिए वरना परेशानी खड़ी हो सकती है।
इस स्कीम का पैसा केंद्र सरकार के खाते से किसानों के बैंक अकाउंट में सीधे नहीं जा रहा। केंद्र सरकार राज्यों के अकाउंट में पैसा भेजती है फिर उस अकाउंट से किसानों तक पैसा पहुंचता है। सूत्रों का कहना है कि वेरीफिकेशन करने से पहले ही ऐसे 1.19 लाख बैंक अकाउंट 2000 रुपये की किश्त जमा हो गई थी। लेकिन जब डाटा का वेरीफिकेशन शुरू हुआ तो गलतियाँ पकड़ में आने लगीं। सरकार की कोशिश है कि स्कीम का पैसा सही किसानों तक पहुंचे। यह बात अच्छी तरह से समझ लीजिए, अगर आप किसान नहीं हैं और सेटिंग करके गलत तरीके से इस स्कीम का फायदा उठा रहे हैं तो हर हाल में पैसे वापस करने होंगे।
गड़बड़ी पर ऐसे वापस लिया जाता है पैसा
केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने राज्यों को एक पत्र लिखकर पहले ही कह दिया था कि अगर अपात्र लोगों को लाभ मिलने की सूचना मिलती है तो उनका पैसा कैसे वापस होगा। योजना के सीईओ विवेक अग्रवाल ने बताया कि इतनी बड़ी योजना है तो गड़बड़ी की संभावना बनी ही रहती है। अगर अपात्र लोगों के खातों में पैसा ट्रांसफर हुआ तो उसे डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) से वापस लिया जाएगा। बैंक इस पैसे को अलग अकाउंट में डालेंगे और राज्य सरकार को वापस करेंगे। राज्य सरकारें अपात्रों से पैसे वापस लेकर https://bharatkosh.gov.in/ में जमा कराएंगी। अगली किश्त जारी होने से पहले ऐसे लोगों का नाम हटाया जाएगा।
किसे मिलेगा और किसे नहीं मिलेगा लाभ?
- मोदी सरकार ने सभी किसानों के लिए पीएम-किसान स्कीम लागू कर भले ही कर दी है लेकिन कुछ लोगों के लिए तो शर्तें लगाई ही गईं हैं। जिन लोगों के लिए कंडीशन लागू है वो यदि गलत तरीके से फायदा उठा रहे हैं तो आधार वेरीफिकेशन में पता चल जाएगा।
- सभी 14.5 करोड़ किसान परिवार इसके लिए पात्र हैं। पति-पत्नी और 18 वर्ष तक की उम्र के बच्चों को एक इकाई माना जाएगा। जिन लोगों के नाम 1 फरवरी 2019 तक लैंड रिकॉर्ड में पाया जाएगा वही इसके हकदार होंगे।
- एमपी, एमएलए, मंत्री और मेयर को भी लाभ नहीं दिया जाएगा, भले ही वो किसानी भी करते हों. यदि इन्होंने आवेदन किया है तो पैसा नहीं आएगा।
- मल्टी टास्किंग स्टाफ/चतुर्थ श्रेणी/समूह डी कर्मचारियों को छोड़कर केंद्र या राज्य सरकार में किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को लाभ नहीं मिलेगा। यदि ऐसे लोगों ने लाभ लिया तो आधार अपने आप बता देगा।
- पेशेवर, डॉक्टर, इंजीनियर, सीए, वकील, आर्किटेक्ट, जो कहीं खेती भी करता हो उसे लाभ नहीं मिलेगा।इनकम टैक्स देने वालों और 10 हजार से अधिक पेंशन पाने वाले किसानों को भी लाभ से वंचित रखने का प्रावधान है। यदि किसी आयकर देने वाले ने स्कीम की दो किश्त ले भी ली है तो वो तीसरी बार में पकड़ा जाएगा, क्योंकि आधार वेरीफिकेशन हो रहा है।
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