राजधानी दिल्ली के जामिया इलाके और अलीगढ़ में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हो रही हिंसा मामले पर सीनियर वकील इंदिरा जयसिंह ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सुप्रीम कोर्ट सीनियर वकील इंदिरा जयसिंह की अर्जी पर सुनवाई को तैयार हो गया है और इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट कल सुनवाई करेगा। सीनियर वकील इंदिरा जयसिंह ने चीफ जस्टिस बोबडे की बेंच को मामले का स्वत: संज्ञान लेने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि यह मानव अधिकार हनन का गंभीर मामला है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर कल सुनवाई करेगा। गौरतलब है कि जामिया में हिंसा के बाद यूनिवर्सिटी को पांच जनवरी तक के लिए बंद कर दिया गया है।
चीफ जस्टिस सीए बोबडे ने जामिया हिंसा मामले पर नाराजगी जाहिर की। चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा कि क्योंकि वे स्टूडेंट्स हैं, इसका मतलब ये नहीं कि वे कानून-व्यवस्था अपने हाथ में ले लेंगे। हिंसा रूक जाएगी, तभी हम इस मामले को सुनेंगे। देश के प्रधान न्यायाधीश “वे विद्यार्थी हैं, इसका अर्थ यह नहीं है कि वे कानून एवं व्यवस्था अपने हाथ में ले सकते हैं, इस पर सब कुछ शांत होने पर फैसला लेना होगा। इस समय ऐसा माहौल नहीं है, जब हम कुछ तय कर सकें, दंगे रुकने दीजिए।”
इससे पहले रविवार को दिल्ली पुलिस ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया में हिंसा के संबंध में दो मामले दर्ज किए। वहीं, दिल्ली उच्च न्यायालय ने जामिया विश्वविद्यालय में छात्रों पर पुलिस कार्रवाई के विरोध में दाखिल याचिका को सुनवाई के लिए तुरंत सूचीबद्ध करने से इनकार किया।
आपको बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के जामिया विश्वविद्यालय और उसके आस-पास के इलाकों रविवार को भी प्रदर्शन जारी रहा। नागरिकता (संशोधन) कानून का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों की जामिया मिल्लिया इस्लामिया के समीप न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में पुलिस के साथ झड़प हो गई, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने डीटीसी की चार बसों और दो पुलिस वाहनों में आग लगा दी। झड़प में छात्रों, पुलिसकर्मियों और दमकलकर्मी समेत करीब 60 लोग घायल हो गए। साथ ही अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भी पुलिस के साथ छात्रों की झड़प हुई, जिसमें करीब 60 लोग घायल हो गए। इसके बाद प्रशासन ने आज इंटरनेट पर रोक लगा दी है।
पुलिस ने हिंसक भीड़ को खदेडने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े लेकिन उन पर गोलियां चलाने की बात से इनकार किया है। जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों और पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़प से तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई। सड़कों पर आगजनी और झड़प के बाद दिल्ली पुलिस जामिया विश्वविद्यालय के परिसर में घुस गई जहां हिंसा में कथित तौर पर शामिल होने को लेकर कई लोगों को हिरासत में ले लिया, हालांकि, 6 घंटे हिरासत में रखने के बाद छात्रों को छोड़ दिया गया। जामिया के छात्रों ने पुलिस की इस कार्रवाई के खिलाफ पुलिस हेडक्वार्टर पर देर रात तक प्रदर्शन किया।
व्हाट्सएप के माध्यम से हमारी खबरें प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
हमारा न्यूज़ चैनल सबस्क्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Follow us on Facebook http://facebook.com/HamaraGhaziabad
Follow us on Twitter http://twitter.com/HamaraGhaziabad
Discussion about this post