हैदराबाद। हैदराबाद में महिला डॉक्टर के साथ हुए रेप और मर्डर के चारों आरोपियों के एनकाउंटर मामले की सुनवाई अब सुप्रीम कोर्ट में होगी। सुप्रीम कोर्ट इस केस को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। सुप्रीम कोर्ट बुधवार को यानी 11 दिसंबर को एनकाउंटर मामले पर सुनवाई करेगा। इसके अलावा तेलंगाना हाईकोर्ट में भी सोमवार से इस मामले की सुनवाई शुरू होगी।
6 दिसंबर की सुबह-सुबह चारों आरोपी तेलंगाना पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए थे। इस मुठभेड़ के बाद पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठे थे। रविवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम ने भी घटनास्थल पर जांच की थी। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दायर की गई हैं।
बता दें कि दो वकीलों ने यह याचिका दायर की है। इसमें कहा गया है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के 2014 के दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया गया है। हैदराबाद पुलिस ने शुक्रवार को बताया था कि सीन रीकंस्ट्रक्ट करने के लिए वो आरोपितों को घटनास्थल पर ले गई थी, जहां उन्होंने हथियार छीन कर पुलिस पर हमला कर दिया था और भागने की कोशिश की थी। पुलिस ने आत्मरक्षा में गोली चलाई थी, जिसमें चारों मारे गए थे।
इस एनकाउंटर पर काफी सवाल भी खड़े हो गए थे, इसी कारण हर कोई जांच की मांग कर रहा था। राज्य के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने इस एनकाउंटर की जांच के लिए कमेटी का गठन कर दिया था, इस स्पेशल इन्वेस्टिगेशन कमेटी (एसआईटी) का काम एनकाउंटर से जुड़े सभी साक्ष्यों को इकट्ठा करना था। इसके साथ ही पुलिस भी इस मामले में गवाहों के बयान को दर्ज करेगी।
27-28 नवंबर की रात हैदराबाद की महिला डॉक्टर के साथ आरोपियों ने पहले रेप किया और बाद में जिंदा जला दिया। इस घटना के बाद पूरे देश में गुस्सा पनपा था और लोग इंसाफ के लिए सड़कों पर उतरे थे। आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन शुक्रवार को जब पुलिस उसी जगह पर आरोपियों के साथ गई जहां पर शव मिला था तभी पुलिस और आरोपियों के बीच मुठभेड़ हुई थी।
साइबराबाद पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि वह उस जगह पर दिशा (महिला डॉक्टर का बदला हुआ नाम) का कुछ सामान इकट्ठा करने गए थे, इस दौरान आरोपियों को भी क्राइम सीन पर ले जाया गया, लेकिन तभी एक आरोपी ने पुलिस का हथियार छीना और बाकी आरोपियों ने पुलिस पर हमला कर दिया। इसी के बाद दोनों में मुठभेड़ हुई और चारों आरोपी मारे गए।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने इस घटना का संज्ञान लेते हुए इसकी जांच के आदेश दिए हैं। आयोग ने एक बयान में कहा है कि पुलिस मुठभेड़ चिंता का विषय है। इसकी सही तरीके से जांच कराई जाएगी। एनएचआर की टीम शनिवार को मौके पर पहुंची थी। उधर, तेलंगाना हाई कोर्ट ने शुक्रवार को ही राज्य सरकार को चारों आरोपितों के शवों को नौ दिसंबर तक सुरक्षित रखने का निर्देश दिया। मुख्य न्यायाधीश से एनकाउंटर को लेकर शिकायत किए जाने के बाद हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया। हाईकोर्ट ने शवों के पोस्टमार्टम की रिकॉर्डिग कराकर उसकी सीडी या पेन ड्राइव महबूबनगर के प्रधान जिला जज को देने का आदेश दिया।
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