गाज़ियाबाद। आईएमएस इंजीनियंरिग काॅलेज में 12वां दीक्षान्त समारोह आज पूरी भव्यता के साथ समापन हुआ। जिसमें कुल-840 नव स्नातकों एवं परास्नातकों को उपाधियाँ एवं प्रमाणपत्र वितरित किये गये। दीक्षान्त समारोह का उद्घाटन मुख्य अतिथि पार्क ऑफ़ इण्डिया (एसटीपीआई) मिनिस्ट्री ऑफ़ इलेक्ट्रोनिक्स एण्ड आईटी के साफ्टवेयर टेक्नोलाॅजी के डायरेक्टर जनरल डॉ ओमकार राय, डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक, आईएमएस सोसायटी के चेयरमेन संजय अग्रवाल एवं आईएमएस सोसायटी के ट्रेजरार राकेश छारिया ने माँ सरस्वती माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर संयुक्त रूप से किया।
साथ ही आईएमएस इंजीनियरिंग काॅलेज के निदेशक प्रो0 श्रवण मुखर्जी ने कॉलेज की प्रगति आख्या प्रस्तुत करते हुए अपने सम्बोधन में काॅलेज की प्रमुख उपलब्धियों में इन्टरनेशनल आउटरीच प्रोग्राम, कल्चर ऑफ़ इनोवेशन एवं शानदार प्लेसमेन्ट को रेखांकित किया। कार्यक्रम के दौरान नव स्नातकों एवं परास्नातकों को उपाधियाँ वितरित की गई। इस दीक्षान्त समारोह में एमबीए के 42, बी.टेक. (बायोटेक) के 40, बी.टेक. (सिविल) के 53, कम्प्यूटर साइंस विभाग के 236, इलेक्ट्रानिक्स एन्ड कम्युनिकेशन के
114, इलेक्ट्रिकल्स एन्ड इलेक्ट्रानिक्स के 96, आई.टी. के 99, एवं मैकेनिकल के 160, स्नातकों एवं परास्नातकों को उपाधियाॅ, प्रमाणपत्र व स्मृति भेंट प्रदान की गई।
काॅलेज के विभिन्न विभागों के शीर्ष पदक भी मेधावी विद्यार्थियों को प्रदान किये गये। एमबीए टाॅपर को दिया जाने वाला ‘मैलकम बैलरिज‘ पदक कोमल प्रजापति को मिला। इसी प्रकार बीटेक इलेक्ट्रानिक्स एन्ड कम्युनिकेशन टाॅपर का ‘ग्राहमबेल‘ पदक जतिन दीक्षित को, आई.टी. टाॅपर का ‘चाल्स बैबेज‘ पदक आन्या यादव को, कम्प्यूटर साइंस टाॅपर का ‘वान न्यूमैन‘ पदक लोेकेश कुमार तिवारी को, बायोटेक टाॅपर का ‘जे.सी. बोस‘ पदक छवि अग्रवाल को, सिविल टाॅपर का ’डाॅ ई. श्रीधरन’ पदक आकांशा दीक्षित को मैकेनिकल इंजीनियरिंग टाॅपर का ‘जेम्सवाट‘ पदक शुभम मिश्रा को, इलेक्ट्रिकल्स एन्ड इलेक्ट्रानिक्स टाॅपर का ‘माइकल फैराडे‘ पदक सत्यम प्रताप सिंह को दिया गया।
इस दौरान मुख्य अतिथि डाॅ ओमकार राय ने कहा कि भारत हरित एवं श्वेत क्रान्ति के बाद आईटी क्रान्ति के दौर में है। अनुभवी उद्यमियों, दक्ष युवाशक्ति एवं सरकार ने मिलकर एक ऐसा इकोसिस्टम डेवलेप किया है। जिसके द्वारा उद्यमिता और स्टार्टअप से आईटी के क्षेत्र में क्रान्ति लायी जा सकती है। इस समारोह को अपनी गरिमामयी उपस्थिति से विशिष्ट बनाते हुये प्रो. विनय कुमार पाठक ने कहा कि तकनीकी राष्ट्रवाद हमारे देश के लिए आज की जरूरत है। इसके द्वारा ही चीन जैसे देश की तकनीकी से आगे निकला जा सकता है। वर्तमान व भविष्य की जीवन शैली नई तकनीक पर ही निर्भर है लेकिन समस्या यह है कि हम अन्य देशों से नई तकनीक का आयात कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी के लिए यह चुनौती है कि नई प्रौद्योगिकी जैसे- इंजीनियरिंग, मनोरंजन, स्वास्थ्य और शिक्षा के द्वारा भारत को विकसित किया जाए। अन्य देशों से नई तकनीक आयात करने की बजाय भारत में ही नई तकनीकी विकसित की जाए। इसके लिए हमारी शिक्षा प्रणाली को संशोधित किया जाना चाहिए । साथ ही फैकल्टी मैम्बर्स को भी समय-समय पर अपडेट रहने की आवश्यकता है। इस मौके पर अमित बंसल एडिशनल डायरेक्टर, साफ्टवेयर टेक्नोलाॅजी, पार्क ऑफ़ इण्डिया (एसटीपीआई) मिनिस्ट्री ऑफ़ इलेक्ट्रोनिक्स एण्ड आईटी, भारत सरकार एवं विदुर छारिया, सदस्य, आईएमएस सोसायटी की उपस्थिति उत्साहवर्धक रही।
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