मोदी मिल के महाप्रबंधक सहित कई के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज

गाजियाबाद । मोदीनगर थाने में स्क्रैप का ठेका देने के बाद मेटीरियल न देने एवं धोखाधड़ी करने की एफआईआर दर्ज हो गई है लेकिन पुलिस नामजद आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर रही है। वादी बासिद अली ने आरोप लगाया है कि पुलिस की ढील के चलते आरोपी खुले घूम रहे हैं। मैसर्स डी के ट्रेडर्स के प्रोपराइटर बासिद अली की तहरीर पर पांच लोगों के खिलाफ मोदीनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज हुई है। इसमें मोदी मिल के जनरल मैनेजर अंबर जेटली, डायरेक्टर राजेन्द्र कुमार तायल, अखिल विजय तायल, राजीव खुराना और नबाब मलिक को नामजद कराया गया है।

कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज की गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि बीस हजार मीट्रिक टन स्क्रैप मेटीरियल के क्रय-विक्रय को लेकर 28 नवम्बर 2018 को बासिद अली एवं कम्पनी के बीच एग्रीमेन्ट हुआ था। इसके लिए बासिद अली ने एक करोड़ 90 लाख रुपए एडवांस ड्राफ्ट एवं एनईएफटी के जरिये मोदी स्टील्स के नाम अदा कर दिया।यह स्क्रैप उच्चतम न्यायालय के आदेश पर सेल किया जा रहा है और इससे प्राप्त होने वाली रकम से विद्युत विभाग मोदीनगर की बकाया राशि जमा कराई जानी है।

रिपोर्ट में लिखा है कि बासिद अली की जगह यह स्क्रैप सतलुज नामक फर्म के मालिक राजीव खुराना व नबाब मलिक को बेचा जा रहा है, जो गैरकानूनी है। बासिद ने जब अपना एडवांस मांगा तो एक करोड 40 लाख का चेक कम्पनी के अफसरों ने दे दिया। यह चेक यश बैंक की आरडीसी राजनगर शाखा में जमा कराया तो चेक बाउंस हो गया। कविनगर थाने में इस धोखाधड़ी की रिपोर्ट लिखवाने जब वे गए तो मोदी मिल का नाम सुनते ही पुलिस के अफसर पीछे हट गये और कहा कि वे मसूरी थाने में रिपोर्ट दर्ज करवा दें। मसूरी थाने में भी कम्पनी का नाम एवं मालिकों का राजनीतिक प्रभाव भांपते हुए रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई। मोदीनगर थाने के भी खूब चक्कर लगाये गये। बासिद अली ने बताया कि उसके बाद वे कोर्ट की शरण में पहुंचे। कोर्ट द्वारा एफआईआर के आदेश जारी किये जाने पर मोदीनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज हुई है।

 

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