लखनऊ। पूर्व आईपीएस और पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी ने गुरुवार को यहां 47वीं ऑल इंडिया पुलिस साइंस कांग्रेस का शुभारम्भ किया। इस मौके पर डॉ. किरण बेदी ने कहा कि कुम्भ आयोजन और अयोध्या मामले में शानदार काम और उपलब्धि के लिए यूपी पुलिस को बधाई देती हूं। उन्होंने यूपी पुलिस को बेहतर पुलिसिंग के लिए सुझाव भी दिया। बेदी ने कहा कि इस समय पूरे देश में बीट पुलिसिंग की सख्त जरूरत है। यही पुलिस की रीढ़ होती है। बेदी ने पुलिस सांइस कांग्रेस के उदघाटन के दौरान यह बातें कही।
किरण बेदी ने कहा कि दिल्ली में तो हमने जनता की मदद से बीट बॉक्स और बूथ बनाए थे। बीट पुलिसिंग सारी पुलिसिंग की रीढ़ है। उन्होंने कहा कि मेरे मैग्सेसे अवार्ड में बीट बॉक्स का जिक्र है। बीट पुलिसिंग का आज भी कोई विकल्प नहीं है। बीट पुलिसिंग में कांस्टेबल को जिम्मेदार बनाया जाता है।
उन्होंने कहा कि बीट पुलिसिंग के लिए बेहतरीन कांस्टेबल को चुनना चाहिए। आला अधिकारियों को भी बीट पुलिसिंग में हिस्सा लेना चाहिए। बीट पुलिसिंग के बगैर अपराध रोकना संभव नहीं है। बीट पुलिसिंग में मार्निंग रोल कॉल में अफसरों को जाना चाहिए। मार्निंग मीटिंग के बाद इवनिंग ब्राफिंग में बीट पुलिसिंग का अहम रोल होता है।
डॉ. किरण बेदी ने कहा कि हर पुलिसकर्मी को अपनी वर्दी को मंदिर मानना चाहिए। मंदिर में कोई अन्याय नहीं होना चाहिए। अपनी यूनिफार्म को मंदिर, मस्जिद या गुरुद्वारा की तरह सम्मान दीजिए। आप न्याय करेंगे क्योंकि आप मंदिर से अन्याय नहीं कर सकते। पुलिस के लिए न्याय और हौसला मूलमंत्र है। मैं हिन्दू हूं मैं समझती हूं मेरा दूसरा जन्म तो होगा इसलिए हमारा कर्म कहीं कम न रह जाए। पुलिस को न्याय और हिम्मत से काम करना चाहिए। अब तो यूपी पुलिस को बेहतर नेतृत्व और संसाधन मिल रहा है।
कार्यक्रम के दौरान उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह, अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी भी मौजूद थे। दो दिनों तक चलने वानले इस कार्यक्रम में पहले दिन 28 नवंबर को पुलिस की चुनौतियों, फोरेंसिक साइंस और महिला व बच्चों की सुरक्षा के विषयों पर देशभर से आए पुलिस अधिकारी और विशेषज्ञ मंथन करेंगे। कार्यक्रम के दूसरे दिन सोशल मीडिया की भूमिका, पुलिस अधिकारियों के व्यवहार, प्रशिक्षण और सीटीएनएस विषयों पर विमर्श होगा।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक इससे पहले 29वीं अखिल भारतीय पुलिस साइंस कांग्रेस का आयोजन नवंबर 1997 में लखनऊ में हुआ था। इस बार छह विषयों को चुना गया है। पुलिस अधिकारियों, शिक्षाविदों, फोरेंसिक विशेषज्ञों व अन्य बुद्धजीवियों ने 50 से अधिक शोध पत्र भेजे हैं। बीपीआर एंड डी की विशेष समिति ने 18 शोधपत्रों को पुलिस साइंस कांग्रेस में प्रस्तुत किए जाने के लिए चुना है।
हमारा न्यूज़ चैनल सबस्क्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Follow us on Facebook http://facebook.com/HamaraGhaziabad
Follow us on Twitter http://twitter.com/HamaraGhaziabad
Discussion about this post