गाज़ियाबाद। कलेक्ट्रेट सभागार में आज 7वीं आर्थिक गणना के सम्बन्ध में एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय द्वारा की गई। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने बताया कि भारत सरकार द्वारा प्रत्येक 5 वर्ष में आर्थिक गणना का कार्य कराया जाता है। आर्थिक गणना का मुख्य उद्देश्य है कि सरकार की आर्थिक स्थिति का आँकड़ा प्राप्त कर भविष्य के लिये लाभकारी योजनाओं को बनाने का कार्य कर सके।
उन्होंने बताया कि 7वीं आर्थिक गणना 2019 में घरेलू प्रतिष्ठानों सहित सभी प्रतिष्ठान जो उत्पादन या माल या सेवाओं के वितरण (कृषि फसल उत्पादन और वृक्षारोपण को छोड़कर) और गैर कृषि-क्षेत्र (जहां स्वयं की खपत का एकमात्र उद्देश्य है उनको छोड़कर) में लगे हुए हैं, (लोक प्रशासन, रक्षा, अनिवार्य सुरक्षा में, घरेलू कर्मियों के नियोक्ताओं के रूप में परिवारों की गतिविधियों, क्षेत्रीय संगठनों और निकायों और गैर-कानूनी गतिविधियों) की गतिविधियों को गिना जाएगा। सर्वेक्षण कार्य मोबाइल ऐप द्वारा जन सुविधा केंद्रों सीएससी के माध्यम से कराया जाएगा। जिसके लिए कुल प्रगणको की संख्या 888, कुल पर्यवेक्षकों की संख्या 320 होगी।
उन्होंने बताया कि जनपद के सभी विकास खंडों में ग्रामीण तथा नगरीय क्षेत्र के प्रगणको व पर्यवेक्षकों को इसके लिए प्रशिक्षण प्रदान कर दिया गया है। इस दौरान जिलाधिकारी द्वारा सभी विभागों को निर्देशित किया गया कि सरकार के इस कार्यक्रम के प्रति लोगों को जागरूक कर के सफल बनाने में पूरा सहयोग करें। इस बार सरकार ने आर्थिक गणना की ज़िम्मेदारी सीएससी ई-गवर्नेंस इंडिया लिमिटेड संस्था को दी है ताकि गणना को डिजिटल रूप से कराया जा सके।
जिलाधिकारी द्वारा यह भी निर्देशित किया गया की इस कार्यक्रम का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाए। जिससे कार्यक्रम सुचारू रूप से चल सके और आमजन तक इसका संदेश पहुंच सके। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी एन0के0 गुप्ता, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी सहित अन्य संबंधित विभाग के अधिकारीगण उपस्थित रहे।
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