मुंबई। महाराष्ट्र के राजनैतिक हालात फिर तीन दिन पुराने मोड पर लौट आए हैं, जहां एनसीपी-शिवसेना-कांग्रेस गठबंधन सरकार बनाने की जद्दोजहद में जुटी थी। मंगलवार दोपहर पहले उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को अपना इस्तीफा सौंपा। इसके कुछ देर बाद ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी प्रेस कॉफ्रेंस कर अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी है। प्रेस वार्ता खत्म करने के बाद वह राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपने जाएंगे। इसके साथ ही महाराष्ट्र में एक साल पहले का कर्नाटक का राजनीतिक इतिहास दोहरा दिया गया है।
अजीत पवार के इस्तीफे की खबर सामने आते ही देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे की भी चर्चाएं शुरू हो गईं थीं। दरअसल सुप्रीम कोर्ट द्वारा बुधवार को लाइव टेलीकास्ट के जरिए फ्लोर टेस्ट का आदेश दिए जाने के बाद भाजपा के पास कोई रास्ता नहीं बचा था। देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस कॉफ्रेंस में खुले तौर पर ये बात स्वीकर की कि उनके पास फिलहाल बहुमत नहीं है।
अजीत के इस्तीफे के कुछ देर बाद ही देवेंद्र फडणवीस ने दोपहर साढ़े तीन बजे मीडिया से वार्ता करने की घोषणा कर दी थी। उसी समय इस बात की चर्चा शुरू हो गई थी कि प्रेसवार्ता के दौरान देवेंद्र फडणवीस अपने इस्तीफे की घोषणा कर सकते हैं। साथ ही वह अगली रणनीति के बारे में भी मीडिया को जानकारी देंगे। मालूम हो कि अजीत पवार के इस्तीफे से थोड़ी देर पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने महाराष्ट्र को लेकर एक अहम बैठक की थी। माना जा रहा है कि इसी बैठक में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के इस्तीफे का फैसला लिया गया था।
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने आज ही एनसीपी-शिवसेना-कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई करते हुए फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया था। एनसीपी-शिवसेना-कांग्रेस गठबंधन वाले महाविकास अघाड़ी के नेता शुरू से दावा कर रहे थे कि भाजपा के पास राज्य में सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत का आंकड़ा नहीं है। इसके खिलाफ अपने दावे को मजबूद करने के लिए गठबंधन की तरफ से मंगलवार शाम को मुंबई के होटल हयात में मीडिया के सामने विधायकों की परेड कराई गई थी।
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